AIN NEWS 1 | दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है। राजधानी की हवा में जहरीले कणों की मात्रा इतनी बढ़ चुकी है कि एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है, जो “Severe” श्रेणी में आता है। इस बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है — अब दिल्ली के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में कक्षा 5 तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड (Hybrid Mode) में कराई जाएगी।
आदेश जारी: तुरंत प्रभाव से लागू हाइब्रिड क्लास सिस्टम
दिल्ली के शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) ने 11 नवंबर 2025 को एक आधिकारिक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि राजधानी की हवा की स्थिति को देखते हुए “Commission for Air Quality Management (CAQM)” ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-III (Severe Category) को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है।
इस आदेश के तहत दिल्ली-एनसीआर के सभी सरकारी, गैर-सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में पढ़ाई (Hybrid Mode) की व्यवस्था करें।
शिक्षा निदेशालय की ओर से कहा गया है कि यह फैसला बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि उन्हें प्रदूषण के खतरनाक प्रभावों से बचाया जा सके।
क्या है ‘हाइब्रिड मोड’?
हाइब्रिड मोड का मतलब है — ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से पढ़ाई।
इसका उद्देश्य है कि जहां ऑनलाइन पढ़ाई संभव है, वहां बच्चे घर पर रहकर सुरक्षित रूप से पढ़ सकें, और जहां जरूरत हो, वहां सीमित संख्या में बच्चे स्कूल जाकर क्लास में शामिल हो सकें।
स्कूल प्रशासन को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपनी सुविधा और तकनीकी स्थिति के अनुसार दोनों मोड में कक्षाएं चला सकते हैं।
किन स्कूलों पर लागू होगा यह आदेश?
यह आदेश दिल्ली के सभी प्रकार के स्कूलों पर लागू होगा —
दिल्ली सरकार के स्कूल
दिल्ली सरकार से सहायता प्राप्त स्कूल
निजी मान्यता प्राप्त (Recognized Private Schools)
NDMC (नई दिल्ली नगर परिषद) के स्कूल
MCD (नगर निगम दिल्ली) के स्कूल
दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के स्कूल
स्कूल प्रमुखों को मिले निर्देश
सभी स्कूलों के प्राचार्यों (Heads of Schools) को आदेश दिया गया है कि वे इस जानकारी को तुरंत सभी अभिभावकों और संरक्षकों (Parents and Guardians) तक पहुंचाएं।
साथ ही, स्कूलों को यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे प्रदूषण से बचाव के सभी उपायों का पालन करें — जैसे कि मास्क पहनना, आउटडोर एक्टिविटी से बचना और स्वास्थ्य पर ध्यान देना।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए अन्य कदम
दिल्ली-एनसीआर में Stage-III लागू होने के बाद कई अन्य सख्त कदम भी उठाए गए हैं —
निर्माण कार्यों (Construction Activities) पर रोक
ट्रक और भारी वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी
धूल और धुएं पर नियंत्रण के लिए विशेष दलों की तैनाती
सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहन
सरकार का कहना है कि ये कदम मिलकर दिल्ली की हवा को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
बच्चों की सेहत को प्राथमिकता
दिल्ली में छोटे बच्चों पर प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा होता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, 12 साल से कम उम्र के बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे वे प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
इसी वजह से सरकार ने पहले कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए ही यह व्यवस्था लागू की है।
यदि आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है, तो सरकार आगे की समीक्षा के बाद नए निर्देश जारी करेगी।
शिक्षा विभाग की अपील
शिक्षा निदेशक (Veditha Reddy, IAS) ने अपने आदेश में कहा कि सभी स्कूल इस निर्देश का पालन “तत्काल प्रभाव” से करें और किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।
उन्होंने सभी DDEs (District Deputy Education Officers) को इस आदेश की निगरानी करने और अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
माता-पिता की प्रतिक्रिया
कई अभिभावकों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि “बच्चों की सेहत पहले है, स्कूल तो बाद में भी जा सकते हैं।”
वहीं कुछ अभिभावक चिंतित हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों का ध्यान कम होता है, लेकिन प्रदूषण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह एक आवश्यक कदम है।
दिल्ली में हर साल सर्दियों के दौरान प्रदूषण चरम पर होता है। इस बार भी स्थिति चिंताजनक है, और सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम यह दर्शाते हैं कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अब उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों से हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और बच्चे फिर से सामान्य रूप से स्कूल जा सकेंगे।



















