AIN NEWS 1 नई दिल्ली: बता दें दिल्ली में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के काम को और अधिक सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए अब एलजी ने एक बहुत बड़ी पहल की है। दिल्ली में अब आप किसी भी संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन किसी भी सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में कराया जा सकेगा। इसके लिए पूरी दिल्ली को ही ‘एक जिला’ घोषित किया जाएगा। पहले यह काम संबंधित जिले के सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में ही जाकर कराना पड़ता था। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि इस नए सिस्टम से भ्रष्टाचार और उत्पीड़न पर काफ़ी ज्यादा अंकुश लग सकेगा। साथ ही प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने के लिए अलग-अलग सब-रजिस्ट्रारों के दफ्तरों में आपकों चक्कर काटने के झंझट से लोगों को काफ़ी ज्यादा मुक्ति भी मिलेगी। एलजी विनय कुमार सक्सेना ने यह सिस्टम जल्द से जल्द ही लागू करने के लिए अधिकारियों को अब जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं।

तय हुआ सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता होगी

बता दें बुधवार को एक बैठक में उप-राज्यपाल ने विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए अपनें सतर्कता विभाग की ओर से उठाए जा रहे सभी कदमों की समीक्षा की। एलजी ने सरकारी दफ्तरों में दलालों की घुसपैठ को भी रोकने और सरकारी कामकाज में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए कई सारे दिशा-निर्देश जारी किए थे। उसी के तहत सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में भ्रष्टाचार और लोगों के उत्पीड़न को कम करने के उद्देश्य से एक ही महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एलजी ने प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए अब पूरी दिल्ली को एक ही जिला घोषित करने के लिए कहा है। यह प्रयोग 2015 में भी आंध्र प्रदेश में भी किया गया था, जहां किसी भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर राज्य के किसी भी जिले में अपनी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। ठीक उसी तरह से अब दिल्ली के और लोग भी राजधानी के किसी भी जिले के सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर ही अपनी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। किसी भी जमीन के स्टेटस को लेकर राजस्व विभाग द्वारा जारी की जाने वाली एक एनओसी को भी पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा और उसमें किसी भी तरह के मानवीय हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं रहेगी। एक तरह से यह पूरा का पूरा सिस्टम फेसलेस होगा। एलजी ने ट्रेड एंड टैक्स डिपार्टमेंट में भी और फाइलों की स्क्रूटनी को भी पूरी तरह ऑनलाइन और फेसलेस बनाने के लिए भी कहा है। साथ ही वजीफे, पेंशन, स्कॉलरशिप आदि का भुगतान भी केवल ऑनलाइन मोड में और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के माध्यम से ही करने का निर्देश भी दिया है।

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