Thursday, January 16, 2025

दिव्य प्रेम सेवा मिशन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में Yogi Adityanath ने कहा: `औरंगजेब की याद में मुगल …`, विपक्ष पर CM कड़ा हमला!

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AIN NEWS 1 Yogi Adityanath:मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश (UP) योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य की पिछली (SP) सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि वह तो औरंगजेब (Aurangzeb) की याद में यहां आगरा में ही एक संग्रहालय का निर्माण कर रही थी, जबकि उनकी वर्तमान सरकार उसी जिले में छत्रपति महाराज शिवाजी (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की सभी यादों को संरक्षित करने के लिए एक संग्रहालय का यहां निर्माण कर रही है. उनके एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,’ पिछली सरकार के कार्यकाल में तो आगरा में औरंगजेब की याद में ही मुगल संग्रहालय को बनाया जा रहा था. लेकिन हमारी सरकार ने उसी जनपद में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर वहा पर एक भव्य संग्रहालय बनाकर उनकी सभी स्मृतियों को सहेज रही है.

उन्होने कहा ‘हमारा संबंध मुगल आक्रांताओं से नहीं हो सकता

सीएम योगी ने आगे यह भी कहा की, ‘हमारा संबंध मुगल आक्रांताओं से नहीं हो सकता है. केवल यही वजह है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणा से भारत सरकार ने भारतीय नौसेना का चिन्ह भी वही बनाया है जो छत्रपति शिवाजी महाराज का था.’आगे आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री यहां दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ही मंगलवार को आयोजित हिंदी स्वराज स्थापना के 350वें वर्ष पर छत्रपति शिवाजी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व व्याख्यान माला में सम्मिलित हुए.

उन्होने कहा ‘जो जिस भाषा में समझे उसको उसकी उसी भाषा में जवाब दिया जाए’ आगे इस दौरान उन्होंने कहा , ‘याद रखिए, छत्रपति शिवाजी महाराज के पीछे भी सदैव दो दिव्य दृष्टि थी. पहली माता जीजाबाई की और दूसरे उनके समर्थ गुरु रामदास की थी. योग्य गुरु मिला तो शिवाजी महाराज ने मुगलों के छक्के छुड़ाते रहे. उन्होंने उस समय पर विदेशी हुकूमत की चूलें हिलाने का काम किया. उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज ने यह संदेश दिया था कि जो जिस भाषा में समझे उसको उसी की भाषा में जवाब दिया जाए.’

आगे उन्होंने कहा , ‘छत्रपति शिवाजी महाराज का हमारे उत्तर प्रदेश से संबंध दो दृष्टि में बहुत मायने रखता है. पहला तो उनके राज्याभिषेक के लिए गए पुरोहित गंगा भट्ट थे, जो कि काशी से थे. दूसरा छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य को लेकर ही कानपुर में जन्म लेने वाले महाकवि भूषण द्वारा रचे गए पद्य हैं.’उन्होंने आगे कहा कि आज के भारत का मानचित्र राजनीतिक भारत का मानचित्र ही है, लेकिन हजारों वर्ष पहले भी दुनिया के अंदर एक वृहत्तर सांस्कृतिक भारत था, जिसे शास्त्रों ने भी मान्यता दी थी, वह आज भी हम सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है.

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब किसी व्यक्ति का दृष्टिकोण राजनीतिक हो जाता हो तो वह अपनी संस्कृति को समझने में भी अक्सर भूल कर जाता है.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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