Sunday, December 22, 2024

दुनियाभर के लीथियम के भंडार पर कब्जा कर रहा है चीन, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चीन पर बढ़ेगी निर्भरता!

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दुनिया के लीथियम भंडार पर चीन की नजर

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चीन पर बढ़ेगी निर्भरता

चीन की रणनीति का कैसे होगा मुकाबला?

AIN NEWS 1: भारत में जम्मू के रियासी में हाल ही में एक बड़ा लीथियम भंडार मिला है। ये भंडार दुनिया का सातवां सबसे बड़ा लीथियम भंडार है। लेकिन इसके बावजूद भारत समेत दुनियाभर की निर्भरता इलेक्ट्रिक वीकल्स के मामले में चीन पर बढ़ती जा रही है। दरअसल, जिन इलेक्ट्रिक वीकल्स की जान उनकी बैटरी में बसती है वो लीथियम से बनती है। ऐसे में दुनियाभर के लीथियम भंडार पर चीन तेजी से कब्जा करता जा रहा है।

UBS AG बैंक के मुताबिक 2025 तक दुनिया में लीथियम की एक-तिहाई सप्लाई चीन के कब्जे में होगी। इसकी वजह है कि चीन ने दुनिया के कई देशों में लीथियम की खदानों को खरीदा हुआ है। 2022 में चीन का लीथियम उत्पादन 1.94 लाख टन था जिसके 2025 तक बढ़कर 7.05 लाख टन होने का अनुमान है। इससे दुनिया की कुल लीथियम सप्लाई में चीन की हिस्सेदारी 32 फीसदी पहुंच जाएगी 2022 में दुनिया की कुल लीथियम सप्लाई में चीन की हिस्सेदारी 24 फीसदी थी।

दुनिया के लीथियम भंडार पर चीन की नजर

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर के बड़े देशों में लीथियम के भंडार को हासिल करने का कड़ा मुकाबला चल रहा है। इसकी वजह है कि 2030 तक कई देशों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए बड़े लक्ष्य तय किए गए हैं। इन टारगेट्स को हासिल करने के लिए सभी को लीथियम का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी बनानी होगी। इससे दुनियाभर में लीथियम की मांग में तेजी आ रही है। ऐसे में भविष्य के इस ऑयल पर दबदबा कायम करने के लिए अमेरिका और चीन समेत दुनिया के ताकतवर देश लीथियम के भंडारों कर कब्जा करना चाहते हैं। इस मामले में सबसे ज्यादा आक्रामक रुख चीन का नजर आ रहा है क्योंकि वो ईवी के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है।चीन ने अफ्रीका तक में लीथियम की कई खदानों को खरीदा हुआ है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चीन पर बढ़ेगी निर्भरता

चीन किसी भी तरह ज्यादा से ज्यादा लीथियम हासिल करने की मुहिम में लगा हुआ है। यहां तक की चीन लेपिडोलाइट से भी लीथियम निकाल रहा है जबकि इसमें कम मात्रा में लीथियम मौजूद होता है। इसको ऐसे समझा जा सकता है कि जैसे रेत से तेल निकाला जा रहा है। यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक चीन 2025 तक लेपिडोलाइट से 2.8 लाख टन लीथियम निकालने की तैयारी में है। ये कुल ग्लोबल सप्लाई का 13 फीसदी है। पिछले साल चीन ने लेपिडोलाइट से 88 हज़ार टन लीथियम निकाला था। चीन के जियांगक्शी प्रांत में लेपिडोलाइट मिलता है। सरकार ने इसके अवैध खनन पर सख्त पाबंदी लगा रखी है। ऐसे में चीन की इस रणनीति से बाकी देशों को भी सीखने की ज़रुरत है।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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