Saturday, November 23, 2024

दुनिया की सबसे पुरानी कथा नक्काशी की खोज तुर्की में हुई। तेंदुओं के बीच घिरे इंसान ने अपना लिंग पकड़ा हुआ है 

तुर्की में 11000 साल पुरानी कथा नक्काशी की खोज हुई है। ये इंसानों की सबसे पहले बनी बस्तियों में से एक इमारत के अंदर मिली है। इन नक्काशियों को इमारत की दीवार से लगे बेंचो पर बनाया गया था। इसमें दो इंसानों, तेंदुओं और बैलों को दिखाया गया है।

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  1. तुर्की में मिली दुनिया की सबसे पुरानी कथा नक्काशी
  2. पत्थरों पर उकेरी गई थी 11 हज़ार साल पुरानी कथा नक्काशी
  3. पशुओं के दांतों और सींगों को विशेषतौर पर दिखाया गया

 

AIN NEWS 1 । तुर्की में दुनिया की सबसे पुरानी कथा नक्काशी मिली है। ये नक्काशी इमारत के पत्थरों को काटकर बनाई गई है। पुरातत्वविदों के मुताबिक ये नक्काशी लगभग 11 हज़ार साल पुरानी है। इसमें तेंदुए जैसे खतरनाक जानवरों और दो आदमियों को दिखाया गया है। इनमें से एक ने अपना लिंग पकड़ा हुआ है। ये खोज दक्षिण पूर्वी तुर्की के उरफा इलाके में की गई है। पुरातत्वविदों ने नवपाषाण युग के एक इमारत के अंदर बने बेंचों पर इन विचित्र नक्काशियों की तलाश की है। ये नक्काशी करीब 2.5 से 3 फीट चौड़ी और 12 फीट लंबी है। इस रॉक कट में दो तेंदुए, एक बैल और दो पुरुषों को दिखाया गया है।

 

पशुओं के दांतों और सींगों को खासतौर पर दिखाया गया

 

एंटीक्विटी मैगजीन में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक पुरातत्वविदों ने कहा है कि जिसने भी इन वन्यजीवों को तराशा है उसने उनके खतरनाक और नुकीले हिस्सों पर ज्यादा फोकस किया है। इनमें तेंदुओं के दांत और बैलों के सींगों को खासतौर पर दिखाया गया है। उनका दावा है कि ये सब असल में उस कथा को बताने के लिए थी, जो समय के साथ गुम हो गई है। पत्थर पर बनी इस आकृति की दूरी यूफ्रेट्स नदी से करीब 35 मील पूर्व और सीरियाई सीमा के 20 मील उत्तर में एक नवपाषाण टीला स्थल, सायबर्क में मिली है। सायबर्क नौवीं सदी इसा पूर्व की बताई जाती है। उस समय शिकारी इंसानों ने खेती शुरू की और बस्तियों में रहने लगे थे।

 

2021 में शुरू हुआ था उत्खनन

 

इस साइट पर उत्खनन 2021 में शुरू हुआ और 36 फीट व्यास वाले इलाके में इसे किया गया था। पुरातत्वविदों को इस इलाके में नवपाषाण युग की एक इमारत मिली थी। उस इमारत की पत्थर की बनी दीवारों और फर्श से जुड़ी बेंचों को चूना-पत्थर की आधारशिला पर उकेरा गया था। इस्तांबुल विश्वविद्यालय के एक पुरातत्वविद् और अध्ययन के एकमात्र लेखक आइलम ओज़डोगन के मुताबिक कलाकृति नक्काशीदार बेंचों में से एक के सामने पाई गई थी। ओजडोगन के रिसर्च के मुताबिक इस जगह पर दो अलग-अलग नक्काशियां हैं जिन्हें एक साथ मिलाकर ही पढ़ा जाना है।

 

लिंग पकड़े नजर आया इंसान

 

बाईं ओर से देखने पर एक बैल और एक मनुष्य को एक दूसरे की ओर मुंह किए हुए दिखाया गया है। आदमी के पेट पर लिंग का आकार बना है। उसके उठे हुए बाएं हाथ में छह उंगलिया हैं, जबकि दाएं में एक सांप या झुनझुना पकड़े हुए नजर आया। दूसरी तस्वीर में दो तेंदुए दिखाई दिए। दोनों के मुंह खुले हुए हैं और उनके तेज दांत दिखाई दे रहे हैं। उनकी शरीर के ओर मुड़ी हुई पूंछ भी दिख रही है। जो एक आदमी को घेरे हुए है।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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