AIN NEWS 1: हाल ही में सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के कसूर जिले का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि एक रेव पार्टी में पाकिस्तान की सेना और सत्तारूढ़ दल पीएमएल-एन के नेताओं की बेटियों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि जिन पुलिस अधिकारियों ने यह छापा मारा और वीडियो रिकॉर्ड किया, उन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है वायरल वीडियो का दावा?
यह वीडियो सबसे पहले एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हुआ, जिसमें कुछ लड़कियों को पुलिस हिरासत में दिखाया गया। एक हैंडल ‘The Voice’ से दावा किया गया कि यह घटना कसूर जिले के मुस्तफाबाद की है, जहां एक रेव पार्टी में पुलिस ने छापा मारकर नेताओं और सेना अफसरों की बेटियों को पकड़ा।
एक अन्य यूज़र बिनोद ओझा ने भी इसी तरह का दावा करते हुए कहा कि वीडियो बनाने वाले पुलिसकर्मियों को पाकिस्तानी फौज ने हिरासत में ले लिया है। कई अन्य एक्स हैंडल जैसे येलो पीनट, जितेंद्र प्रताप सिंह और ओसीन जैन ने भी इसी तरह की बातों को शेयर किया।
सच्चाई की पड़ताल
वायरल हो रहे इस वीडियो की हकीकत जानने के लिए हमने इससे जुड़े कीवर्ड्स के जरिए इंटरनेट पर सर्च किया। सर्च के दौरान पाकिस्तान की प्रतिष्ठित न्यूज वेबसाइट Dawn की 7 अप्रैल 2025 की एक रिपोर्ट सामने आई, जिसने पूरे मामले की पुष्टि की।
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना कसूर जिले के पक्की हवेली गांव की है, जहां शुक्रवार की रात पुलिस ने एक फार्महाउस में चल रही डांस पार्टी पर छापा मारा था। पुलिस को अपने मुखबिरों से सूचना मिली थी कि वहां पार्टी हो रही है, जिसमें युवक-युवतियां शामिल हैं।
क्या हुआ पुलिस छापे के दौरान?
छापा मारने के बाद पुलिस ने मौके से 55 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। सभी को कसूर की जेल में भेजा गया और अगले दिन उन्हें अदालत में पेश किया गया।
हालांकि, मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपियों को रिहा कर दिया और केस को खारिज कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि कोई गैरकानूनी गतिविधि हो रही थी।
वीडियो लीक होने पर पुलिसकर्मी सस्पेंड
घटना के कुछ ही समय बाद, पुलिस द्वारा बनाए गए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसके बाद पुलिस विभाग की तरफ से कार्रवाई करते हुए जांच अधिकारी मुहम्मद सादिक और मुहर्रिर मुहम्मद शब्बीर को वीडियो लीक करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया।
पुलिस ने यह बयान भी जारी किया कि वीडियो उनकी ओर से सार्वजनिक नहीं किया गया है, और न ही उन्होंने किसी आरोपी की पहचान उजागर की है।
क्या गिरफ्तार लोगों में कोई राजनेता या अफसर की बेटी थी?
अब तक की जांच में यह बात सामने नहीं आई है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में किसी राजनेता या सेना अफसर की बेटी शामिल थी। किसी भी विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट या पुलिस बयान में इस तरह की पुष्टि नहीं की गई है।
अफवाह और अधूरा सच
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो वास्तविक तो है, लेकिन इसमें किए जा रहे दावे गलत और भ्रामक हैं। पुलिस ने कसूर में एक फार्महाउस पर छापा जरूर मारा और 55 लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया।
इसके अलावा, न तो किसी आरोपी की पहचान उजागर की गई और न ही किसी अधिकारी की बेटी या राजनेता के परिवार से जुड़े होने की पुष्टि हुई है। वीडियो को गलत दावे और अधूरे तथ्यों के साथ शेयर किया गया, जिससे सोशल मीडिया पर भ्रम फैल गया।
संदेश: सोच-समझकर शेयर करें
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि सोशल मीडिया पर आने वाली हर खबर सच नहीं होती। वीडियो और तस्वीरों को सही संदर्भ में देखना और विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी की पुष्टि करना बेहद जरूरी है।
A viral video from Pakistan is being circulated on social media claiming that daughters of top politicians and army officers were caught during a rave party in Kasur. The video led to massive online speculation, alleging elite involvement. However, a detailed fact check reveals that while a police raid did take place at a farmhouse party and 55 individuals were detained, no confirmed identities were released, and the court later dismissed the case. Learn the full truth behind this viral Pakistan rave party video and how misinformation spread online.