AIN NEWS 1: वर्तमान समय में सनातनी समुदाय की एक प्रमुख मांग सामने आई है, जिसे स्वीकार करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। संत समाज और धार्मिक गुरुओं ने इस बात पर जोर दिया है कि यदि सनातनी एकजुट रहते हैं तो वे सुरक्षित रह सकते हैं। इस नारे का समर्थन अब पूरे संत समाज द्वारा किया जा रहा है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपने मतों और विचारों का प्रभाव डालने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
“एक हैं तो सेफ हैं” का महत्व
यह नारा सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के बीच एकता और सुरक्षा की अपील करता है। संत समाज का कहना है कि यदि सनातनी अपने मत और धर्म के प्रति एकजुट रहते हैं, तो कोई भी बाहरी शक्ति उन्हें कमजोर नहीं कर सकती। इस नारे में एकता की ताकत को बल दिया गया है, जिसे विभिन्न संतों और धार्मिक गुरुओं ने स्वीकार किया है और इसका समर्थन किया है।
संत समाज का संदेश
झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सनातनी समाज को अपनी एकता के साथ वोट की ताकत दिखाने का आह्वान किया गया है। संत योगी देव नाथ ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि “सनातन धर्म को मानने वाले एकजुट रहें, तभी वे सुरक्षित रहेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि संत समाज की शक्ति और वोटों की ताकत से यह संदेश दिया जा सकता है कि “हम एक हैं और हमेशा एक रहेंगे।”
संतों की सक्रियता
संत समाज के बीच इस संदेश को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने यह बताया कि समाज में जो भी समस्याएं हैं, उनका समाधान सिर्फ एकजुटता में है। यदि लोग अपने धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट रहते हैं, तो वे हर संकट से उबर सकते हैं। संत समाज ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखना है, और इसके लिए सनातनियों को एकजुट होने की आवश्यकता है।
चुनावी संदर्भ में संदेश
इस संदेश का चुनावी संदर्भ भी है, क्योंकि सनातनी समुदाय को अपनी वोटिंग ताकत का एहसास हो चुका है। झारखंड और महाराष्ट्र के सनातनी समुदाय को यह समझाना बहुत जरूरी है कि अगर वे अपनी एकजुटता बनाए रखते हैं, तो वे राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। संतों का मानना है कि वोटों के माध्यम से इस समाज को अपनी शक्ति दिखाने का अवसर मिलेगा और इस प्रकार समाज की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
निष्कर्ष
सनातनी एकता का यह संदेश न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक भी है। संत समाज का यह आह्वान है कि सनातनी समुदाय अपनी एकता को बनाए रखे ताकि वे भविष्य में किसी भी संकट से सुरक्षित रह सकें। “एक हैं तो सेफ हैं” का यह नारा न केवल धार्मिक बल्कि समाज के सामूहिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।