दो हजार के नोटों को बदलने के एलान के बाद घट गए डिजिटल ट्रांजेक्शंस, लोग 2 हजार के नोट से कर रहे हैं शॉपिंग!
दो हजार के नोटों का डिजिटल ट्रांजेक्शंस पर असर कैश खरीदारी ने घटाए डिजिटल ट्रांजेक्शंस लोग 2 हजार के नोट से कर रहे हैं शॉपिंग!
दो हजार के नोटों को बदलने के एलान के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शंस की संख्या में कमी आई है। इसकी वजह है कि जबसे 2 हजार रुपये के नोट को वापस लेने का एलान हआ है, तब से बड़े रिटेल शॉप, मल्टी ब्रांड रिटेल और पेट्रोल पंपों पर 2 हजार के नोटों का इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। डिजिटल पेमेंट्स में सबसे ज्यादा गिरावट पेट्रोल पंपों पर आई है। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक पेट्रोल पंपों पर नोटबदली के एलान से पहले 40 परसेंट तक भुगतान डिजिटल मोड से होता था. लेकिन नोटबदली के एलान के तुरंत बाद ये लुढ़ककर 10 परसेंट रह गया. सुधार होने के बावजूद डिजिटल पेमेंट अभी तक पुराने स्तर पर नहीं आ पाया है.
दो हजार के नोटों का डिजिटल ट्रांजेक्शंस पर असर
दो हजार का नोट वापस लेने के एलान से नोटबंदी के बाद पहली बार बैंकों में भी डिजिटल ट्रांजेक्शंस की संख्या में कमी आई है। बैंकों में 20 मई के बाद ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस में 15 से 20 परसेंट तक की गिरावट दर्ज की गई है. ऑनलाइन लन देन की जगह लोग बाजार में दो हजार के नोटों को खपा रहे हैं. बैंकों में पहले कुल ट्रांजेक्शन का करीब 60 फीसदी हिस्सा ऑनलाइन किया जाता था. लेकिन 2 हजार के नोटों की विदाई ने इस ग्राफ को नीचे ला दिया है.
कैश खरीदारी ने घटाए डिजिटल ट्रांजेक्शंस
कोरोना काल के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शंस में जोरदार उछाल दर्ज किया गया था। 2020 से 2023 में अब तक 23 फीसदी तक की बढ़ोतरी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में हुई है। हालांकि 2 हजार के नोटों की वापसी से डिजिटल पेमेंट में आई गिरावट अस्थाई है। हाल ही में आई PWC इंडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डिजिटल भुगतान में क्रांति लाने वाले UPI की मदद से लेनदेन 2026-27 तक बढ़कर सालाना 379 अरब के स्तर पर पहुंच जाएगा और कुल डिजिटल लेनदेन में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 90 फीसदी पहुंच जाएगी। 2022-23 में ये आंकड़ा महज 83.71 अरब रहा था और कुल डिजिटल लेनदेन में इसकी हिस्सेदारी 75 फीसदी थी।
लोग 2 हजार के नोट से कर रहे हैं शॉपिंग!
रिपोर्ट के मुताबिक, संख्या के लिहाज से भारतीय डिजिटल पेमेंट मार्केट सालाना 50 फीसदी की दर से आगे बढ़ रहा है। 2026-27 में कुल डिजिटल लेनदेन की संख्या बढ़कर 411 अरब के स्तर पर पहुंच जाएगी। 2022-23 में 103 अरब लेनदेन डिजिटल तरीके से हुए थे। इस बढ़ोतरी के साथ एक दिलचस्प बदलाव ये भी देखने को मिला है कि UPI भुगतान में गांवों का हिस्सा शहरों से ज्यादा हो गया है। इसके साथ ही आने वाले बरसों में क्रेडिट कार्ड से लेनदेन की संख्या डेबिट कार्ड से ज्यादा होने की उम्मीद है।