AIN NEWS 1: हमारा शरीर एक अद्भुत तंत्र है, जो निरंतर गतिशील रहता है। इस गति के पीछे सबसे अहम भूमिका निभाती हैं — धमनियाँ (Arteries)। अगर इन्हें शरीर की जीवनदायिनी नदियाँ कहा जाए, तो यह बिल्कुल सही होगा। जैसे नदियाँ धरती को जीवन देती हैं, वैसे ही धमनियाँ हमारे शरीर के हर कोने में रक्त, ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने का काम करती हैं। जब इनका प्रवाह रुक जाता है, तो जीवन का चक्र भी थमने लगता है।
धमनियाँ क्या होती हैं?
धमनियाँ वे रक्त वाहिकाएँ (Blood Vessels) हैं जो हृदय से ऑक्सीजन युक्त रक्त को पूरे शरीर में पहुँचाती हैं। इनकी दीवारें मजबूत और लचीली होती हैं ताकि रक्त के दबाव को सहन कर सकें।
शरीर में दो प्रकार की रक्त नलिकाएँ होती हैं —
1. धमनियाँ (Arteries): जो हृदय से रक्त को बाहर की ओर ले जाती हैं।
2. शिराएँ (Veins): जो रक्त को वापस हृदय में लौटाती हैं।
इनमें से सबसे बड़ी धमनी है महाधमनी (Aorta), जो हृदय से निकलकर शरीर के हर अंग में रक्त पहुंचाती है।
धमनियों का महत्व
धमनियाँ हमारे शरीर की ऊर्जा प्रणाली की मुख्य धुरी हैं।
ये हर ऊतक (Tissue) तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाती हैं।
रक्तचाप (Blood Pressure) को नियंत्रित रखने में इनकी बड़ी भूमिका होती है।
ये शरीर के ऊर्जा संतुलन और तापमान को बनाए रखती हैं।
धमनियाँ हृदय और मस्तिष्क के बीच जीवनदायिनी कड़ी हैं।
जब धमनियाँ स्वस्थ रहती हैं, तो हृदय भी मजबूत बना रहता है।
धमनियों से जुड़ी प्रमुख बीमारियाँ
1. Atherosclerosis (धमनी कठोरता):
धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और कैल्शियम जमा होने से ये सख्त हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आने लगती है।
2. हृदय धमनी रोग:
जब हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियाँ अवरुद्ध होती हैं, तो हृदय रोग और हार्ट अटैक जैसी समस्याएँ होती हैं।
3. Peripheral Artery Disease (PAD):
पैरों की धमनियाँ ब्लॉक होने से दर्द, झनझनाहट और कमजोरी महसूस होती है।
4. Aneurysm (धमनी फुलाव):
जब धमनी की दीवार कमजोर पड़ जाती है, तो उसमें गुब्बारे जैसा फुलाव बन जाता है, जो कभी-कभी फट भी सकता है — यह जानलेवा स्थिति होती है।
5. Stroke (मस्तिष्काघात):
जब मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह अचानक रुक जाता है, तो स्ट्रोक हो सकता है, जिससे शरीर का कोई हिस्सा लकवाग्रस्त भी हो सकता है।
धमनियों को स्वस्थ रखने के घरेलू उपाय
आयुर्वेद और योग के कुछ सरल उपायों से धमनियों को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है:
1. लहसुन (Garlic):
यह प्राकृतिक ब्लड क्लीनर है। रोज सुबह खाली पेट 1-2 कली लहसुन जल के साथ लेने से कोलेस्ट्रॉल घटता है और धमनियों में ब्लॉकेज से बचाव होता है।
नींबू की अम्लीयता धमनियों में जमा वसा को घोलती है। गर्म पानी में नींबू व शहद मिलाकर रोज सुबह पीने से धमनियाँ स्वच्छ रहती हैं।
3. अदरक (Ginger):
यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है और सूजन कम करता है। अदरक की चाय सुबह-शाम पीना फायदेमंद होता है।
4. त्रिफला चूर्ण:
यह शरीर से विषैले तत्व निकालता है और रक्त वाहिकाओं को साफ रखता है। रात को गुनगुने पानी से लेना चाहिए।
5. योग और प्राणायाम:
“अनुलोम-विलोम” और “कपालभाति” जैसी क्रियाएँ धमनियों को खुला रखती हैं और ऑक्सीजन प्रवाह बढ़ाती हैं।
6. नियमित व्यायाम:
रोज़ 30 मिनट की तेज़ चाल, योग या हल्का व्यायाम धमनियों की लोच बनाए रखता है।
7. फल और जल सेवन:
सेब, अनार और पर्याप्त मात्रा में पानी रक्त को पतला और शुद्ध रखता है।
8. गिलोय और अर्जुन छाल:
ये दोनों आयुर्वेदिक औषधियाँ हृदय और धमनियों को मजबूत बनाती हैं। अर्जुन की छाल को तो “Natural Artery Protector” कहा गया है।
धमनियों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1. अगर शरीर की सभी धमनियों को जोड़ दिया जाए, तो इनकी लंबाई 1 लाख किलोमीटर से भी अधिक होगी।
2. हमारा हृदय प्रतिदिन लगभग 7000 लीटर रक्त धमनियों में पंप करता है।
3. हँसना और ध्यान (Meditation) धमनियों को रिलैक्स करने में मदद करते हैं।
4. धूप में बैठना धमनियों की लोच बनाए रखता है।
5. सबसे छोटी धमनी कैपिलरी (Capillary) होती है, जिसमें केवल एक लाल रक्त कोशिका गुजर सकती है।
6. नींद की कमी से धमनियाँ धीरे-धीरे सख्त होने लगती हैं — इसे “Silent Artery Aging” कहा जाता है।
7. तनाव (Stress) धमनियों का सबसे बड़ा दुश्मन है।
8. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना धमनी शुद्धि के लिए लाभकारी माना गया है।
हमारी धमनियाँ शरीर की जीवनरेखा हैं। अगर ये खुली, साफ और लचीली रहें, तो शरीर ऊर्जावान बना रहता है। गलत खानपान, तनाव और निष्क्रिय जीवनशैली धमनियों को नुकसान पहुँचाती हैं। इसलिए, रोज़ाना व्यायाम करें, संतुलित भोजन लें और मन को शांत रखें — तभी जीवन की यह नदी अनवरत बहती रहेगी।