नगर निगम बोर्ड बैठक के दौरान हंगामा करते पार्षद !
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद मे मंगलवार को नगर निगम के नए सदन में हुई दूसरी बैठक में इंदिरापुरम कॉलोनी के हस्तांतरण के मुद्दे पर जमकर हंगामा शुरु हो गया। भाजपा पार्षद संजय सिंह और उनके समर्थन में आए. इसके साथ ही इंदिरापुरम के अन्य पार्षद व चंद्रपुरी के पार्षद राजीव शर्मा व उनके समर्थक पार्षद भिड़ गए। और फिर सभी के बीच बहस का सिलसिला शुरु हो गया । कम से कम 20 मिनट तक जमकर बहस हुई। इसके बाद मेयर ने कहा कि इंदिरापुरम में बकाया कार्ये का पैसा लिए बिना नगर निगम इस कॉलोनी की जिम्मेदारी नहीं लेगा। आपको बता दे कि बैठक में पेश किए गए 16 में से 14 प्रस्ताव पास हो गए वही दो प्रस्ताव पास के लिए सैद्दातिंक सहमति देकर निर्णय लेने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया था.
महापौर की मौजूदगी में हुई बैठक
बता दे कि नगर निगम के मुख्यालय के सभागार में महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की मौजूदगी में बैठक शुरु होते ही क्षेत्रीय पार्षद संजय सिंह ने इंदिरापुरम कॉलोनी के हस्तांतरण का मुद्दा उठा दिया। आगे उन्होनें कहा कि हम भिक्षा मांगते है कि इदिरपुरम कॉलोनी का हस्तांतरण लेकर नगर निगम इसका जिम्मा ले। वही पार्षद ने कहा कि 300 करोड़ रुपये की मांग पर जोर न दिया जाए।
उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने विरोध जताते हुऐ क्या कहा
कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने काफी ज्यादा विरोध जताया है, उन्होनें कहा कि जीडीए ने इंदिपुरम को बसाया है। तो वहा की जो इस समय व्यवस्थाएं खराब है इसके जिम्मेदार जीडीए है इसको ठीक करने की जिम्मेदारी जीडीए की है। कॉलोनी बकाया 300 करोड़ के कार्ये को पुरा कराए बिना या इतनी रकम लिए बिना नगर निगम जिम्मा नहीं ले सकता। और फिर इस पर सजंय सिंह समेत इंदिरापुरम के अन्य पार्षदों ने विरोध किया और फिर राजीव शर्मा को कॉलोनी के हस्तातरण में सबसे बड़ा बाधक बताया।
राजीव शर्मा और सजंय सिंह में हुई जमकर बहस
इसके बाद भाजपा पार्षद राजीव शर्मा और सजंय सिंह व इंदिरापुरम के अन्य पार्षदों के बीच जमकर बहस शुरु हो गई एक दुसरे के उपर आरोपो लगाने लगे। करीब 20 से अधिक मीनट तक सभी के बीच बहस चली । बहस को देखकर महापौर को हस्तक्षेप कर उन्हें रोकना पड़ा । उसके बाद महापौर ने कहा कि हैंडऔवर की प्रक्रियै को नियम के तहत आगे बढ़ाया जाएगा. सुनीता दयाल जी ने कहा कि वहां पर जीडीए को विकास कार्य कराने होंगे या फंड देना होगा। कॉलोनी हस्तांतरित न होने की वजह से वहां विकास कार्य नहीं रोके जाएंगे साथ महापौर ने कहा की जिस तरह अन्य वार्डो के पार्षद को विकास के लिए फाडं दिये जाते है उसी तरह इस वार्ड को भी पार्षदों को विकास के लिए वार्ड कोटा दिया जाएगा।