नोएडा के सोरखा गांव स्थित गुरुकुल में छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत का मामला दो साल बाद फिर से तूल पकड़ गया है। इस मामले को लेकर नोएडा पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश हो जाने पर नोएडा पुलिस अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है।
नाबालिग छात्रा की संदिग्ध हालात में तीन जुलाई 2020 को मौत हुई थी, जबकि इस मामले में पहला मुकदमा 17 जुलाई को नोएडा के सेक्टर-49 थाने में दर्ज हुआ था। इस प्रकरण में छात्रा की मां का रोते हुए एक वीडियो 10 जुलाई को सोशल मीडिया पर डाला गया था, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म होने और उसके बाद उसकी हत्या कर शव को लटकाए जाने के आरोप लगाए थे। वहीं, दूसरा मुकदमा हरियाणा में दर्ज हुआ था, जिसमें छात्रा के माता-पिता और दो भाई-बहनों के अपहरण के आरोप लगाए गए थे। अब इन दोनो ही मुकदमों की जांच सीबीआई करेगी।
यह मामला अब नोएडा में अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। इस मामले में जिले के पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। छात्रा की मौत के 14 दिन बाद मुकदमा दर्ज होना और छात्रा की लाश का पोस्टमॉर्टम नहीं कराने से पुलिस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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परिजनों ने लगाए थे आरोप : छात्रा की मां ने कहा था कि तीन जुलाई 2020 को सुबह 5:30 बजे स्कूल की तरफ से हमारे पास फोन आया और बोला गया कि आप जल्दी यहां आ जाओ। हमने पूछा भी कि क्या हुआ? लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। बस ये बोला कि आप आ जाओ, हम गाड़ी वगैरह सब कर देंगे। जैसे ही हम स्कूल के अंदर गए। हमारे फोन छीन लिए गए। उसके बाद हमें हमारी बेटी को पंखे से लटका दिखाया गया। लेकिन न तो हमें फोटो खींचने दिए गए और न ही उसका पोस्टमार्टम कराया गया। जबरन उसका अंतिम संस्कार कराकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया। जिसमें पुलिस ने भी गुरुकुल संचालकों का साथ दिया। हमें कमरे में बंधक बनाकर जबरन कोरे कागजों पर हस्ताक्षर लिए गए, गुंडों को हमारे साथ रखा गया, जिससे हम कहीं मुंह न खोल सकें। जबरन उसका चुपचाप अंतिम संस्कार भी करा दिया गया।
आरोपियों पर कार्रवाई नहीं : महिला का आरोप है कि इस मामले में 17 जुलाई 2020 को थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें गुरुकुल के आचार्य जयेंद्र कुमार तथा उनके सहयोगियों के खिलाफ धारा-302, 201, 342, 34 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन इस मामले में किसी की गिरफ्तारी न करते हुए पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी।
मां के आरोप
1. स्कूल ने छात्रा की मौत के बाद पुलिस को क्यों नहीं बुलाया?
2. छात्रा का पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं कराया और न ही कराने दिया?
3. आरोपियों ने पुलिस की सलाह पर ही सारी कार्रवाई की?
4. निजी लैब की मदद से एक नकली सुसाइड नोट बनाया गया है?
5. दोनों एफआईआर में पुलिस ने स्कूल की सीसीटीवी फुटेज या आरोपी का कॉल रिकॉर्ड क्यों नहीं जुटाया?
6. दोनों एफआईआर में 164 का बयान क्यों दर्ज नहीं कराए गए गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई?
यह था मामला
हरियाणा के गांव दौंगड़ा अहीर की रहने वाली 14 वर्षीय छात्रा सोरखा गांव के एक गुरुकुल में पढ़ती थी। छात्रा की तीन जुलाई 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जिस मामले में गुरुकुल के संचालक और पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें छात्रा ने अपने परिजनों पर ही आरोप लगाए थे और आत्महत्या की थी। उक्त छात्रा की छोटी बहन और भाई भी इसी गुरुकुल में पढ़ते थे।