AIN NEWS 1: नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आने के बाद मानो गौतमबुद्ध नगर की सूरत काफ़ी ज्यादा बदलने लगी है। अंदाज इस बात से ही लगा सकते हो कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जमीन खरीदना अब 40% तक महंगा हो गया है। हाउसिंग सोसायटी, कॉरपोरेट ऑफिस, कंपनियों अस्पताल और धार्मिक स्थल के लिए भी जमीन की कीमत अब काफी ज्यादा बढ़ गई है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आने से पहले धार्मिक स्थल के लिए ज़मीन लेने पर 6,900 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब पैसे देने पड़ते थे, लेकिन अब उसी ज़मीन को लेने पर 9,670 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से आवंटन होगा। इस मामले में यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि किसानों का मुआवजा बढ़ाने और जमीन की बढ़ती मांग को लेकर ही यह आवंटन बढ़ाया गया है। सोमवार को यमुना विकास प्राधिकरण की लखनऊ में ही एक बोर्ड बैठक हुई।जिसमें यह सभी फैसला लिया गया है। बोर्ड बैठक की अध्यक्षता प्राधिकरण के चेयरमैन और अपर मुख्य सचिव रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में की गई।

ऐसा कहना उचित होगा कि जेवर एयरपोर्ट की बदौलत घाटे से उबरी यमुना अथॉरिटी

यमुना अथॉरिटी के दायरे में ही जेवर के पास नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का निर्माण काफ़ी तेजी से चल रहा है। अगले साल तक यहां से उड़ान भी शुरू हो जाएंगी। इस मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का यमुना अथॉरिटी की अर्थव्यवस्था पर काफ़ी सकारात्मक असर देखने के लिए मिला है। प्राधिकरण को यह घाटे से उभार चुका है। अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा, “इस साल प्राधिकरण ने कोई भी कर्ज नहीं लिया है, बल्कि अपना कर्ज चुकाया है। अथॉरिटी ने इस साल कुल 533.11 करोड़ रुपए का ऋण वापस किया है। आगामी 1 अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए 23% ज्यादा बजट प्रस्तावित है। अगर वित्त वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित बजट से इसकी तुलना की जाए तो अगले वित्त वर्ष का बजट लगभग 2 गुना बड़ा है।”

इससे आय के साथ खर्च में भी इजाफा हुआ 

डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 31 जनवरी 2022 तक यमुना अथॉरिटी को कुल 1,529.80 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था। चालू वित्त वर्ष में ही 31 जनवरी 2023 तक प्राधिकरण को लगभग 1,715.59 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला है। सीईओ ने कहा, “जिस तरह प्राधिकरण की आय बढ़ी है, उसी तरह इसके खर्चों में भी काफ़ी बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 31 जनवरी 2022 तक यमुना प्राधिकरण ने 1,159.82 करोड़ रुपए खर्च किए थे। जबकि चालू वित्त वर्ष में 31 जनवरी 2023 तक अथॉरिटी ने कुल 1,251.60 करोड़ रुपए के भुगतान किए हैं। इस तरह साफ अंदाजा लगा सकते हैं कि जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का असर यमुना प्राधिकरण की माली हालत पर सकारात्मक रूप से पड़ रहा है।”

इससे प्राधिकरण को 404 करोड़ रुपए शुद्ध लाभ हुआ

सीईओ ने आगे कहा, “प्राधिकरण की शुद्ध आय भी अब बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में प्राधिकरण को 404 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ है। यह वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले लगभग 250% ज्यादा है। मतलब, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान प्राधिकरण को कुल 170 करोड़ रुपए की शुद्ध आय हुई थी।” डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने कहा कि पिछले 4 वर्षों से प्राधिकरण लगातार ही लाभ अर्जित कर रहा है। आपको बता दें कि एक वक्त था, जब यमुना प्राधिकरण करीब 3,500 करोड़ रुपए के घाटे में था। पिछले 4 वर्षों से प्राधिकरण ने अब लाभ अर्जित किया है। साथ ही अपने ऋण को भी घटाया है। इस साल प्राधिकरण में कोई कर्जा नहीं लिया है, बल्कि कर्ज के 533.11 करोड़ रुपए वापस लौटाए हैं।

श्रेणी              पुराने रेट              नए रेट

आवासीय।       18,510            24,600

ग्रुप हाउसिंग      23,140             30,750

संस्थागत        10,450।              14,280

कॉरपोरेट दफ्तर16,970               23,770

आईटी             11,630                16,300

औद्योगिक।        9,668                  13,542

व्यावसायिक       46,000                59,100

अस्पताल।          15,450               21,650

बिजलीघर            8,070                11,310

मिल्क बूथ            8,070                 11,310

धार्मिक स्थल।      6,900                  9,670

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