AIN NEWS 1: न्यूयॉर्क में आयोजित एक बड़े और चर्चित आर्ट ऑक्शन में ऐसा अनोखा आइटम नीलाम हुआ, जिसकी चर्चा अब पूरी दुनिया में हो रही है। यह कोई पेंटिंग, मूर्ति या डिजाइनर ज्वेलरी नहीं, बल्कि 18 कैरेट सोने से बना एक लग्जरी टॉयलेट है। इस अद्भुत आर्टवर्क को नीलामी के दौरान 12.1 मिलियन डॉलर, यानी लगभग ₹107 करोड़ की भारी कीमत पर खरीदा गया। सुनने में यह भले ही अजीब लगे, मगर दुनिया में कई ऐसे कलेक्टर हैं जो अनोखी और चर्चा में रहने वाली कला पर बड़ी रकम खर्च करने से पीछे नहीं हटते।
किसने बनाया यह सोने का टॉयलेट?
इस शानदार आर्टवर्क के पीछे का नाम है—इटली के मशहूर और विवादित कलाकार मॉरीज़ियो केतेलान। केतेलान का नाम आधुनिक कला की दुनिया में हमेशा चर्चा में रहता है, क्योंकि उनका काम अक्सर परंपरागत कला की सीमाओं को तोड़ता है और समाज तथा राजनीति पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करता है।
यह गोल्डन टॉयलेट उन्होंने “America” नाम से तैयार किया था। नाम सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं था; इसके पीछे व्यंग्य, सोच और चर्चा की दुनिया छिपी थी। सोने का यह टॉयलेट करीब 223 पाउंड, यानी 100 किलो से भी ज्यादा शुद्ध सोने से बनाया गया है। इसकी चमक, डिज़ाइन और धारणा—तीनों ही इसे इतना खास बनाते हैं कि यह आम लोगों की सोच से काफी आगे की चीज़ है।
यह टॉयलेट आखिर खास क्यों है?
पहली नज़र में यह टॉयलेट सिर्फ एक अमीरों के मज़ाक जैसा लग सकता है, लेकिन इसके पीछे कलाकार का बड़ा संदेश भी छिपा है। मॉरीज़ियो केतेलान ने “America” को एक ऐसी कलाकृति के रूप में प्रस्तुत किया, जो विलासिता, उपभोक्तावाद और आधुनिक समाज में धन की असमानता पर कटाक्ष करती है।
यह टॉयलेट पहली बार 2016 में न्यूयॉर्क के गुग्गेनहाइम म्यूज़ियम में प्रदर्शित किया गया था। खास बात यह थी कि यह सिर्फ देखने की चीज़ नहीं थी—यह पूरी तरह फंक्शनल था। यानी लोग इसे इस्तेमाल भी कर सकते थे! कलाकार का मानना था कि कला सिर्फ दीवारों तक सीमित नहीं होनी चाहिए; इसे महसूस किया जाना चाहिए, इसमें शामिल हुआ जाना चाहिए।
मॉरीज़ियो केतेलान और उनका ‘बनाना’ वाला विवाद
मॉरीज़ियो केतेलान सिर्फ “सोने के टॉयलेट” के कारण ही चर्चा में नहीं रहते। वे वही कलाकार हैं, जिन्होंने एक साधारण केले को दीवार पर डक्ट टेप से चिपकाकर दुनिया को चौंका दिया था। यह कलाकृति 2023 में $6.2 मिलियन (करीब ₹52 करोड़) की भारी कीमत पर बिकी थी।
उनका यह काम कई लोगों को बेकार, मज़ाक या बिना मतलब का लगा। लेकिन कला जगत में इसे आधुनिक अभिव्यक्ति, प्रतीकात्मक संदेश और रचनात्मक स्वतंत्रता के उदाहरण के रूप में देखा गया। चाहे लोगों ने इसकी आलोचना की हो या तारीफ, मगर इतना ज़रूर है कि इस केले ने पूरे विश्व में बड़ी बहस छेड़ी थी—कला क्या है? उसकी कीमत कौन तय करता है?
107 करोड़ में बिकने के पीछे वजह क्या है?
यह सवाल बहुत से लोगों के मन में उठता है कि आखिर कोई टॉयलेट पर इतनी बड़ी रकम क्यों खर्च करेगा? इसके कई कारण हैं:
1. सोने का इस्तेमाल – 100 किलो से अधिक 18 कैरेट सोना अपने आप में ही अत्यधिक मूल्यवान है।
2. कलाकार का नाम – मॉरीज़ियो केतेलान दुनिया के सबसे चर्चित और डिमांडेड कलाकारों में गिने जाते हैं।
3. दुर्लभता – ऐसा आर्टवर्क दुनिया में दूसरा नहीं है।
4. कला का संदेश – समकालीन कला में विचार और प्रतीकात्मकता बहुत महत्वपूर्ण होती है।
5. कलेक्शन वैल्यू – अमीर कलेक्टर्स ऐसे आइटम खरीदते हैं जिनकी कीमत समय के साथ और बढ़ती जाती है।
खरीदार का नाम गुप्त रखा गया
नीलामी के दौरान यह खुलासा नहीं किया गया कि गोल्डन टॉयलेट को आखिर किसने खरीदा। लेकिन अंतरराष्ट्रीय कला बाजार के जानकारों के अनुसार, यह खरीद कोई साधारण निवेशक या कलेक्टर नहीं करता। आमतौर पर ऐसे आर्टवर्क म्यूज़ियम, बड़े कॉरपोरेट हाउस या अरबपतियों के निजी कलेक्शन में जाते हैं।
कला का पैसा और दुनिया की सोच
यह घटना एक सवाल भी खड़ा करती है—क्या कला की कीमत उसकी सामग्री से तय होती है या उसके विचार से? 100 किलो सोने का मूल्य अलग है, लेकिन कला में उसकी व्याख्या, संदेश और कलाकार की पहचान भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो जाती है। यही वजह है कि एक केले की कीमत करोड़ों में लग सकती है या एक टॉयलेट इतिहास बना सकता है।
कला का बदलता स्वरूप
आज कला केवल पेंटिंग या मूर्ति तक सीमित नहीं है। कॉन्सेप्चुअल आर्ट—यानी वह कला जो किसी विचार या संदेश को केंद्र में रखकर बनाई जाती है—आज दुनिया में सबसे तेजी से उभरने वाला क्षेत्र है। मॉरीज़ियो केतेलान इस नए दौर के प्रतीक बन चुके हैं।
उनका यह गोल्डन टॉयलेट सिर्फ एक चमकदार वस्तु नहीं, बल्कि दुनिया को आइना दिखाने वाली कला है। इसमें धन की असमानता, दुनिया की चमक-दमक और समाज के व्यंग्य सभी एक साथ अप्रत्यक्ष रूप से मौजूद हैं।
न्यूयॉर्क की इस नीलामी में बिके इस टॉयलेट ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि कला की दुनिया पारंपरिक सीमाओं को नहीं मानती। कभी एक केला इतिहास बन जाता है, तो कभी एक टॉयलेट दुनिया का ध्यान खींच लेता है।
मॉरीज़ियो केतेलान ने एक बार फिर दुनिया को दिखाया है कि कला सिर्फ देखने की चीज़ नहीं—यह सोचने, समझने और सवाल उठाने की चीज़ है। और जहां कला सवाल पैदा करती है, वहां उसकी कीमत केवल पैसे में नहीं, बल्कि उसके प्रभाव में मापी जाती है।
The sale of the 18-carat gold toilet created by Maurizio Cattelan at a New York art auction has drawn global attention. Titled “America,” the luxury artwork weighs over 100 kilograms and reflects Cattelan’s signature style, following his earlier viral piece known as the duct-taped banana. This high-value sale reinforces the growing fascination for unique and unconventional artwork auctions worldwide.



