कंगाल होने वाला है पाकिस्तान
3 हफ्ते का आयात बिल चुकाने की रकम बाकी
अडानी-अंबानी के पास पाक से कई गुना ज्यादा रकम
AIN NEWS 1: बता दें कंगाल होते पाकिस्तान के पास 3 हफ्तों से भी कम का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। यानी आयात का भुगतान करने के लिए पाकिस्तान के पास 3 हफ्ते से भी कम की रकम बची है। 8 साल के निचले स्तर पर लुढ़का ये विदेशी मुद्रा भंडार 5.576 अरब डॉलर रह गया है। यानी जनवरी 2022 के 16.6 अरब डॉलर से विदेशी मुद्रा भंडार एक साल में 11 अरब डॉलर गिर गया है। अब अगर पाकिस्तान के इस विदेशी मुद्रा भंडार का मुकाबला भारत के दो टॉप अमीरों से करें तो पाकिस्तान की दयनीय हालत का सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है। फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक गौतम अडानी की कुल नेटवर्थ 126.8 अरब डॉलर है जो पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार से 22 गुना ज्यादा है। वहीं मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 91.4 अरब डॉलर है जो पाकिस्तानी विदेशी मुद्रा भंडार से 16 गुना ज्यादा है। वहीं पाकिस्तान के शेयर बाजारों में लिस्टेड कंपनियों और गौतम अडाणी की संपत्ति की तुलना भी बेहद दिलचस्प है। गौतम अडानी ने 2022 में अपनी संपत्ति में 39.9 अरब डॉलर जोड़े हैं। वहीं पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट-कैप करीब 30 अरब डॉलर है।
कंगाल होने वाला है पाकिस्तान
पाकिस्तान के इन बदतर हालातों का असर हर तरफ साफ नजर आ रहा है। IMF से नई किस्त हासिल करने की कोशिश नाकाम होने के बाद अब पाकिस्तान में रसोई गैस सिलेंडर 10 हज़ार रुपए और आटा 150 रुपए प्रति किलो से भी ज्यादा दाम में मिल रहा है। यही नहीं आटे की सुरक्षा के लिए AK-47 से लैस जवानों को तैनात किया जा रहा है।
पाकिस्तानी करेंसी पहले ही डॉलर के मुकाबले काफी ज्यादा कमजोर हो चुकी है। पाकिस्तान में महंगाई भी दशकों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। राजनीतिक संकट और बिजली संकट भी पाकिस्तान को बुरी तरह परेशान किए हुए है। पाकिस्तान ने पहले अपने मित्र देशों चीन और सऊदी अरब से वित्तीय मदद हासिल की थी। लेकिन अब ये देश पाकिस्तान को IMF की नई किश्त मिलने तक मदद करने से बच रहे हैं।
3 हफ्ते का आयात बिल चुकाने की रकम बाकी
पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर हजारों शिपिंग कंटेनर्स अटके हुए हैं क्योंकि बैंक इनके लिए फॉरेन एक्सचेंज पेमेंट्स की गारंटी नहीं ले पा रहे हैं। इन कंटेनर्स में समय के साथ खराब होने वाले खाद्य पदार्थ और चिकित्सा उपकरण भी रखे हुए हैं। पाकिस्तान के लिए दवा, भोजन और बिजली जैसी वस्तुओं के लिए भुगतान करना बड़ी चिंता का विषय बन गया है।