व्हाइट हाउस ने गुरुवार को जैसे ही ये बताया, कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए तैयार हो गये हैं, उसके बाद से ही दुनियाभर की मीडिया और पत्रकार में चर्चा का विषय बन गया, कि पीएम मोदी मानवाधिकार के सवाल पर क्या बोलेंगे।
प्रधानमंत्री बनने के 9 सालों के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया था, जिसको लेकर लगातार उनकी आलोचना होती रही है और आज जब व्हाइट हाउस ने कहा, कि पीएम मोदी और बाइडेन, पत्रकारों के सवालों का जवाब देंगे, तभी ये तय हो गया था, कि पीएम मोदी से मानवाधिकार को लेकर सवाल पूछा जाएगा।
दुनिया की बोलती की बंद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मानवाधिकार के सवाल पर सीधे तौर पर कहा, कि मानवाधिकार है, इसीलिए भारत में लोकतंत्र है। पीएम मोदी ने भारत और अमेरिका दोनों में गहराई से समाए लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर देते हुए, धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव को लेकर दिए गए बयानों और उठते सवालों पर हैरानी जताई है।
पीएम ने इस बात पर प्रकाश डाला, कि लोकतंत्र उनकी राष्ट्रीय पहचान और साझा विरासत का एक अभिन्न अंग है, जो उनकी रगों और आत्माओं से बहता है। मोदी ने पुष्टि की, कि लोकतंत्र सिर्फ एक अवधारणा नहीं है, बल्कि उनके संविधानों और सरकारों में प्रकट एक जीवित वास्तविकता है।
पीएम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लोकतंत्र उनकी राष्ट्रीय पहचान और साझा विरासत का एक अभिन्न अंग है, जो उनकी रगों और आत्माओं से बहता है। मोदी ने पुष्टि की कि लोकतंत्र सिर्फ एक अवधारणा नहीं है बल्कि उनके संविधानों और सरकारों में प्रकट एक जीवित वास्तविकता है।
पीएम मोदी ने कहा, कि ‘हमारी सरकार संविधान के आधार पर चलती है, जिसे सैकड़ों सालों की परंपरा के आधार पर तैयार किया गया है। भारत में किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं है। लोकतंत्र को हम जीते हैं। हमने सिद्ध किया है, कि लोकतंत्र डिलीवर कर सकता है।‘
वहीं, अल्पसंख्यकों के प्रति सरकार के व्यवहार पर उठे सवालों पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है।” पीएम मोदी ने कहा, ”भारत हर किसी को साथ लेकर आगे बढ़ने में विश्वास रखता है… सरकार द्वारा प्रदान किए गए लाभ सभी के लिए सुलभ हैं; भारत में कोई भेदभाव नहीं है।
भारत को लेकर बाइडेन ने क्या कहा?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी के साथ अपने शुरुआती बयान में प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लेख किया और कहा, कि दोनों देश “स्वतंत्रता को महत्व देते हैं और सार्वभौमिक मानवाधिकारों के लोकतांत्रिक मूल्यों का जश्न मनाते हैं जो दुनिया भर में और हमारे प्रत्येक देश में चुनौतियों का सामना करते हैं।”
बाइडेन ने कहा, कि “प्रेस की स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता, सहिष्णुता, विविधता…भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है…ओर प्रतिभाएं और परंपराएं हमें राष्ट्र के रूप में मजबूत बनाती हैं।” उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे हम एक साथ भविष्य मेंम आगे बढ़ेंगें,हमारे देशों के बीच दोस्ती बढ़ती ही जाएगी।”
आर्थिक संबंधों में विस्तार
पीएम मोदी का दावा किया है, कि भारत और अमेरिका, दोनों देशों के आर्थिक संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं, पिछले दशक में व्यापार लगभग दोगुना होकर 191 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, कि इस विस्तार के परिणामस्वरूप भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों में हजारों उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों का विकास हुआ है। पीएम मोदी आगे कहते हैं, कि इस मजबूत आर्थिक गठबंधन के परिणामस्वरूप, अमेरिका के 44 राज्यों में दस लाख नौकरियों को समर्थन मिलेगा।
पाकिस्तान को फटकार
व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को फटकार लगाई है और कहा है, कि सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने धार्मिक कट्टरता को लेकर भी आतंक फैलान वालों को फटकार लगाई है।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को लेकर चीन को खास तौर पर आईना दिखाया है। माना जा रहा है, कि चीन ने इस हफ्ते पाकिस्तानी आतंकवादी साजिद मीर को यूएनएससी में ग्लोबल आतंकी नामित करने से रोकने के लिए चीन को फटकार लगाई है।