Sunday, November 24, 2024

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में किया इमरजेंसी का जिक्र, कही ये बातें ?

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पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में किया इमरजेंसी का जिक्र, कही ये बातें ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात को संबोधित कर रहे हैं। यूं तो हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात का प्रसारण होता है, लेकिन इस महीने के आखिरी में पीएम मोदी अमेरिका यात्रा पर रहेंगे, इसलिए इस बार एक हफ्ते पहले ही इसका प्रसारण कर दिया गया।

पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बातें            

भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी।

इमरजेंसी भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने एमर्जेंसी  का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी, मन, सिहर उठता है।

कुछ दिनों पहले ही इमरजेंसी पर लिखी एक और किताब मेरे सामने आई जिसका शीर्षक है – भारत में राजनीतिक बंदियों पर अत्याचार हिन्दी । इस पुस्तक में वर्णन किया गया है, कि कैसे, उस समय की सरकार, लोकतंत्र के रखवालों से क्रूरतम व्यवहार कर रही थी।

मैं चाहूँगा कि, आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो, देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।

जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के लोगों ने एक कमाल कर दिखाया है। बारामूला में खेती-बाड़ी तो काफी समय से होती है, लेकिन यहां दूध की कमी रहती थी। बारामूला के लोगों ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने डेयरी का काम शुरू किया।

जापान की तकनीक मियावाकी… अगर किसी जगह की मिट्टी उपजाऊ नहीं रही हो तो मियावाकी तकनीक उस क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने का बहुत अच्छा तरीका होती है।

मियावाकी जंगल तेजी से फैलते हैं और दो-तीन दशक में जैव विविधता का केंद्र बन जाते हैं। अब इसका प्रसार बहुत तेजी से भारत के भी अलग-अलग हिस्सों में हो रहा है।

भारत ने संकल्प किया है 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत बनाने का… लक्ष्य बहुत बड़ा ज़रूर है। एक समय था जब टी.बी. का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन ये आज का समय है, जब टी.बी. के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है।

छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता के साथ ही उनकी शासन और उनके प्रबंध कौशल से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। विशेषकर जल-प्रबंधन और नौसेना को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने जो कार्य किए, वो आज भी भारतीय इतिहास का गौरव बढ़ाते हैं। उनके बनाए जलदुर्ग, इतनी शताब्दियों बाद भी समंदर के बीच में आज भी शान से खड़े हैं।

बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है- प्रकृति का संरक्षण।

आजकल मानसून के समय में तो इस दिशा में हमारी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसलिए ही आज देश, ‘कैच द रैनजैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है।

बड़े से बड़ा लक्ष्य हो, कठिन से कठिन-चुनौती हो, भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल देता है ।

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