पुलिस कमिश्रर अजय ने लिया दूधेश्वर नाथ मंदिर का जायजा !
आप सभी जानते ही होगें की उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सबसे प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार को भक्तों की भीड़ उमड़ गई. पुलिस कमिश्रर ने मंदिर में जाकर के सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होने मदिंर में जाकर देखा कि महिला के लिए सुरक्षा व्यवस्था किस तरह से किया गया है।
आपको बता दे कि सावन की शुरुआत 4 जुलाई से हो चुकी है और 10 जुलाई को यानि की आज सावन का पहला सोमवार है। सावन के पहले सोमवार को शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। बता दे कि गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में तड़के सुबह से ही भक्तों की कतार लगनी शुरु हो गई है. और यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। आपकी जानकारी के मुताबिक आपको बता दे कि प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की मान्यता है कि यहां पर भगवाम शिव से जो मनोकामना मांगी जाती है भोलेनाथ उसे पूरी करते है. ये भी कहा जाता है इस मदिंर के बारे में रावण ने इस मंदिर में अपना दसवां शीष भगवान भोले को अर्पित किया था.
क्या है मंदिर की विशेष मान्यता ?
आपको बता दे कि प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर गाजियाबाद में जस्सीपुरा मोड़ के पास स्थित है. बताया जाता है कि प्राचीन काल मममें यहां में यहां पर एक टीला हुआ करता था. यहां पर एक गाय आती थी और स्वयं दूध दिया करती थी. बाद में वहां खुदाई की गई तो प्राचीन शिवलिंग प्रकट हुए, तभी से यहां मंदिर की स्थापना हुई और मान्यता बढ़ती चली गई. यह भी बताया जाता है कि रावण के पिता ने भगवान दूधेश्वर की पूजा अर्चना इसी दूधेश्वर मंदिर में की थी.
रावण ने भी शिव भक्ति में अपना दसवां शीष भगवान भोलेनाथ के चरणों में इसी मंदिर में अर्पित कर दिया था. प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में मठ भी मौजूद है. देश के 8 प्रसिद्ध मंदिर मठों में से एक मंदिर मठ, दूधेश्वर नाथ मठ है. भक्त यहां दूर-दूर से आते हैं. सावन के दिनों में यहां पर पूजा का विशेष महत्व है. इसी वजह से सावन के पहले सोमवार को यहां भक्तों की भीड़ लगी है. पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने भी सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर का जायजा लिया. मंदिर के परिसर से लेकर आसपास चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
मंदिर की प्राचीन मान्यता इसकी भव्यता को बढ़ाती है. जल्दी से जल्दी मंदिर की सजावट का काम चल रहा है. आपको बता दे कि महाशिवरात्रि पर मंदिर में लाखों की सख्या मे कांवरिये पहुंचते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. शिवरात्रि पर मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. मंदिर परिसर से लेकर बाहर के हिस्से में कई किलोमीटर तक भक्तों की मौजूदगी रहती है. इसके लिए सावन के पहले दिन से तमाम तैयारियां की जा रही है.
मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि इस बार भी लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवरिये जल लेकर मंदिर में पहुंचेंगे. मंदिर में विशेष प्रसाद भी तैयार करवाया जाता है, जिसे भक्तों में वितरित किया जाता है. इसी को लेकर पुलिस कमिश्रर अजय मिश्रा ने बताया सोमवार और शिवरात्रि पर भक्तों की सख्या काफी ज्यादा बढ़ जाएगीं इसके लिए चाक – चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है और इस तरह की बैरिकेड व्यवस्था की जा रही है।