AIN NEWS 1: बता दें पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर फिलहाल लोगों के राहत मिलने के आसार नहीं हैं. तेल कंपनियों का दावा है कि कच्चे तेल की कीमतों में हाल के महीनों में भारी गिरावट होने के बावजूद उन्हें अभी भी घरेलू बाजार में इसकी बिक्री पर घाटा हो रहा है. तेल कंपनियों के मुताबिक उन्हें डीजल की बिक्री पर 9 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा है. इसकी भरपाई के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से 50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी की मांग की है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने ये रकम 2022-23 के लिए मांगी है.
महंगे क्रूड ऑयल से मुश्किल
पेट्रोलियम मंत्रालय के डेटा के मुताबिक दिसंबर 2022 में भारतीय तेल कंपनियों ने 78.1 डॉलर प्रति बैरल के रेट पर क्रूड ऑयल को खरीदा है. जबकि नवंबर में 87.55 डॉलर, अक्टूबर में 91.7 डॉलर, सितंबर में 90.71 डॉलर, अगस्त में 97.4 डॉलर, जुलाई में 105.49 डॉलर, जून में 116.01 डॉलर, मई में 109.51 डॉलर और अप्रैल 2022 में 102.97 डॉलर प्रति बैरल की दर पर कच्चे तेल की खरीद की गई थी.
6 अप्रैल के बाद से नहीं बढ़े दाम
तेल कंपनियों ने आखिरी बार पेट्रोल-डीजल के दाम में 6 अप्रैल को इजाफा किया था. इसके बाद से करीब 9 महीनों में एक बार भी तेल कंपनियों ने इनकी कीमतों में इजाफा नहीं किया है. ऐसे में जुलाई तक तो वाकई तेल कंपनियों को कच्चे तेल की कीमतों पर घाटा होता नजर आ रहा है. लेकिन अगस्त 2022 के बाद से भारत ने अप्रैल 2022 के मुकाबले सस्ते दर पर क्रूड की खरीदारी की है.
केवल पेट्रोल पर हो रहा है मुनाफा
तेल कंपनियों के मुताबिक पिछले दो महीनों से भारत में पेट्रोल की बिक्री में मुनाफा हो रहा है लेकिन डीजल पर अभी भी नौ रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा है. 2022-23 के दौरान तेल कंपनियों को लागत से कम कीमत पर पेट्रोल और डीजल बेचने से 1.50 लाख करोड़ रुपये की अंडररिकवरी होने की आशंका है. इसकी भरपाई के लिए ही सरकार से सब्सिडी की मांग की जा रही है. सरकार ने नवंबर 2022 में इन कंपनियों को LPG की बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए 22 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी.
विंडफॉल टैक्स में बढ़ोतरी
तेल कंपनियों के नुकसान की एक वजह विंडफॉल टैक्स में हुई बढ़ोतरी भी है. ऐसे में इस पर मिलने वाला मुनाफा टैक्स की भेंट चढ़ने से भी उन्हें डीज़ल की बिक्री पर हो रहे नुकसान की भरपाई करने में मुश्किल होगी. हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रो उत्पादों की कीमतों में हुए इजाफे के कारण विंडफॉल टैक्स में बढ़ोतरी की गई है. सरकार ने घरेलू पेट्रो उत्पादों की इंटरनेशनल मार्केट में बिक्री पर मिलने वाले ज्यादा मुनाफे के चलते ये टैक्स बढ़ाया है. क्रूड पर विंडफॉल टैक्स की नई दर 1700 रुपये प्रति टन से बढ़ा कर 2100 रुपये प्रति टन कर दी गई है. डीजल एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स को 5 रुपये से बढ़ा कर 6.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. ATF निर्यात पर टैक्स की दर 1.5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 4.5 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है.