AIN NEWS 1: दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए प्रशासन ने अब सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रदूषण को काबू में करने के लिए दिल्ली की सभी सीमाओं पर गुरुवार से गैर-बीएस6 वाहनों के प्रवेश पर सख्ती से रोक लागू कर दी गई। इस अभियान के तहत दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद समेत आसपास के इलाकों से आने वाले सैकड़ों वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोककर वापस लौटा दिया।
सुबह से लेकर शाम तक चले इस विशेष अभियान के दौरान दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी गई। पुलिस ने साफ निर्देशों के तहत बीएस6 से नीचे के वाहनों की पहचान कर उन्हें बॉर्डर से ही वापस भेजा। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी, जब तक प्रदूषण के स्तर में सुधार नहीं हो जाता।
सीमाओं पर दोहरी पिकेट, हर वाहन की जांच
दिल्ली में प्रवेश करने वाले हर प्रमुख बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने दो-दो पिकेट लगाए। इसका मकसद यह था कि कोई भी प्रतिबंधित वाहन जांच से बच न पाए। गाजियाबाद के यूपी गेट, अप्सरा बॉर्डर, सीमापुरी, भोपुरा और लोनी क्षेत्र की सीमाओं पर विशेष रूप से सख्त जांच की गई।
दूसरे राज्यों से आने वाले ऐसे वाहन जो बीएस6 मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें किसी भी हालत में दिल्ली में दाखिल नहीं होने दिया गया। इस दौरान वाहन चालकों को नियमों की जानकारी दी गई और वैकल्पिक रास्तों से लौटने के निर्देश दिए गए।
GRAP के तहत लागू हुई पाबंदियां
दिल्ली में ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत पहले से ही बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लागू है। हालात गंभीर होने पर व्यावसायिक वाहनों पर भी रोक लगा दी गई थी। इसी क्रम में अब दूसरे राज्यों के गैर-बीएस6 वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है।
दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली पुलिस को सीमाओं पर सख्ती से नियम लागू करने के निर्देश दिए गए थे, जिनका पालन गुरुवार को जमीन पर साफ दिखाई दिया।
सीएनजी वाहनों को लेकर असमंजस की स्थिति
इस पूरे अभियान के दौरान सबसे ज्यादा भ्रम की स्थिति सीएनजी वाहनों को लेकर देखने को मिली। आदेशों में सीएनजी वाहनों को कुछ हद तक छूट दी गई है, लेकिन व्यावहारिक स्तर पर नियम पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, यदि कोई वाहन बीएस-3 या बीएस-4 श्रेणी का है और उसमें सीएनजी किट लगी हुई है, तो उसे भी दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही। भले ही सीएनजी किट वैध और पास हो, लेकिन मूल इंजन मानक अगर पुराने हैं, तो वाहन को लौटाया जा रहा है।
कई कारों में कंपनी फिटेड सीएनजी के साथ पेट्रोल का विकल्प भी मौजूद होता है, जबकि बड़ी संख्या में वाहन ऐसे भी हैं जिनमें बाहर से सीएनजी किट लगवाई गई है। ऐसे सभी वाहनों को बॉर्डर पर ही रोक दिया गया।
किन वाहनों को मिल रही है राहत
दिल्ली के भीतर पंजीकृत बीएस-4 पेट्रोल वाहनों को केवल तभी अनुमति दी जा रही है, जब उनका पीयूसी (Pollution Under Control) प्रमाणपत्र वैध हो। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है और उन्हें बिना रोक-टोक दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
बॉर्डर पर जाम, लेकिन हालात रहे काबू में
वाहनों की सघन जांच और लौटाने की प्रक्रिया के कारण पीक आवर्स में कई बॉर्डर पर जाम की स्थिति जरूर बनी, लेकिन हालात पूरी तरह बेकाबू नहीं हुए। दिल्ली पुलिस ने हर चेक प्वाइंट पर लेन के हिसाब से पिकेट लगाई थी, जिससे यातायात को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा सके।
गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस भी दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय बनाकर मौके पर मौजूद रही। दोनों राज्यों की पुलिस के सहयोग से जाम को नियंत्रित रखा गया और वाहन रुक-रुककर निकलते रहे।
अधिकारियों का बयान
एडिशनल सीपी (यातायात एवं कानून व्यवस्था) आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा जारी सभी निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर दिल्ली पुलिस को पूरा सहयोग दिया जा रहा है, ताकि अभियान प्रभावी तरीके से चल सके।
आम लोगों से अपील
पुलिस और प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और अनावश्यक रूप से प्रतिबंधित वाहनों से दिल्ली में प्रवेश की कोशिश न करें। यह कदम किसी को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि सभी के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
प्रदूषण के इस गंभीर दौर में प्रशासन की सख्ती साफ संकेत देती है कि आने वाले दिनों में नियमों में ढील की कोई गुंजाइश नहीं होगी। जब तक हवा साफ नहीं होती, तब तक दिल्ली की सीमाओं पर यह पहरा यूं ही जारी रहेगा।
Delhi has intensified its fight against air pollution by enforcing strict vehicle entry restrictions at all border points. Under GRAP guidelines, the Delhi Police is turning back non-BS6 vehicles, including BS3 petrol and BS4 diesel vehicles, from neighboring states like Uttar Pradesh. Border checking at Ghaziabad, UP Gate, Apsara, and Loni has been strengthened to reduce vehicular emissions. Electric vehicles are allowed, while confusion remains over CNG vehicles with older emission standards. This crackdown aims to control Delhi’s worsening air quality and ensure compliance with pollution control norms.



















