बच्चों की खरीद फरोख्त का मामला,निसंतान दंपत्ति को ऑन डिमांड बच्चे उपलब्ध कर देता था गिरोह, महिलाओं के गर्भ की लगाते थे बोली!

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AIN NEWS 1: छोटे छोटे बच्चों की खरीद फरोख्त करने वाले गिरोह को मुंबई में बैठी महिला दीपमाला संचालित कर रही थी। वो ही इन बच्चे की ऑन डिमांड पर अपनी साथी शबनम और गीता को काम पर लगा देती थी। इसके बाद से गिरोह के अन्य सदस्य भी ऐसी गरीब महिलाओं की तलाश में जुट जाते थे, जिनके पास पहले से ही कई सारे बच्चे हैं और वह फिर से गर्भवती भी हो गई हैं। ये लोग बच्चा पैदा होते ही दीपमाला के बताए स्थान पर उसे पहुंचा दिया करते थे।मूलरूप से तो सिविल लाइंस के आदर्श कॉलोनी निवासी दीपमाला मुंबई में रहती भी है। उसके संपर्क में पहले से ही शबनम और गीता थीं। दीपमाला, मुंबई, दिल्ली, आगरा, चंडीगढ़, फरीदाबाद, हैदराबाद समेत अन्य कई सारे शहरों में ऐसे निसंतान दंपती की तलाश करती है जो अपना इलाज कराकर थक चुके हैं लेकिन अब तक भी उन्हें संतान का सुख नहीं मिल पाया है और अब वो बच्चा गोद लेना चाहते हैं। और इसके लिए वह कोई भी मोटी रकम चुकाने को भी तैयार रहते हैं। ग्राहक मिलते ही दीपमाला गीता और शबनम को फोन पर ही ऑर्डर देती है कि अब बच्चे की तलाश शुरू कर दी जाए। वैसे तो गीता और शबनम नर्स हैं और वह घर-घर जाकर दाई का काम भी किया करती हैं।

इस शबनम का पति मो. यूनुस और गिरोह के अन्य सभी सदस्य गौरव, नीतू और साजिया भी गर्भवती महिलाओं की तलाश में पूरी तरह से जुट जाते थे।इन महिलाओं को यह भी बताया जाता है कि आपके पास पहले से ही कई सारे बच्चे हैं। अगर वो इस बच्चे को एक परिवार को गोद दे दें तो आपके बच्चे का भविष्य भी संभल जाएगा। आपका बच्चा ऐसे परिवार में जाएगा, जहां आलीशान कोठी, गाड़ियां और खूब सारा धन पहले से ही होगा। बड़ा होकर तो बच्चा आपके पास ही आएगा। या फिर आपको अपने पास ही बुला लेगा।

जो महिलाएं इनकी बात नहीं मानती हैं तो ये उनकी सास को भी पकड़ती हैं। उन्हें ये समझाती हैं कि आपकी बहू ने पहले ही कई सारी बेटियां कर दी हैं। जिससे आपके बेटे पर ही खर्चे का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। इनकी शादियां भी तो करनी होंगी। अगर कोई बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उसे दे दो। बिलारी के एक बच्चे के मामले में भी ये ही हुआ। इस गिरोह ने बच्ची की दादी से ही उसका सौदा तय किया था।

सौदे के बाद दिल्ली के दंपती से इन्होंने एडवांस लेकर दादी को दे दिए थे तीस हजार रुपये

लेकीन पुलिस पूछताछ में सामने आया कि नर्स गीता दाई का काम भी घर घर जाकर किया करती है। उसने पहले ही दादी से बच्ची का सौदा भी तय कर लिया था। दिल्ली के दंपती से एडवांस में उन्होने तीस हजार रुपये लेकर बच्ची की दादी को दिए थे। गीता ही बच्ची की डिलीवरी भी कराने गई थी।

दो सितंबर की रात को महिला ने बच्ची को जन्म दिया था। इसके बाद उसकी दादी ने इस बच्ची को गीता और शबनम को सौंप दिया था। अगले दिन जब वह बच्ची गायब हुई तो पूरे परिवार में हल्ला मच गया था। इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। तब पुलिस ने इस बच्ची की तलाश शुरू की।

जान ले अब तक कुल छह बच्चों को बेच चुका है यह गिरोह

जान ले अब तक बच्चा तस्कर गिरोह कुल छह बच्चाें को बेच चुका है। इस गिरोह ने पहले कलकत्ता, आगरा में भी कई बच्चे बेचे हैं। आठ माह पहले कोलकता के ही एक दंपती को शहर में बुलाकर एक बच्चा बेचा गया था। इसके अलावा आगरा और दिल्ली में भी बच्चे बेचते हैं। दीपमाला के पकड़े जाने के बाद बच्चा खरीदने वालों के बारे में भी पूरी जानकारी हो सकेगी।

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