Ainnews1.Com:-यूपी के सीतापुर इलाके में पीटीसी में तैनात आईपीएस अधिकारी शफीक अहमद और एडीजी जकी अहमद पर कर्मचारियों ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों ने आईपीएस शफीक अहमद पर हिंदू कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया,और उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी न्याय की गुजारिश की है। वही एडीजी जकी अहमद पर भी संरक्षण देने का आरोप लगा है। आईपीएस शफीक अहमद पिछले 6 सालों से लगातार पीटीसी में तैनात रहे हैं।जिनके द्वारा हिंदी कर्मचारियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा था।निलंबित सिपाहियों का कहना है । कि आईपीएस शफीक अहमद के द्वारा हिंदू कर्मचारियों से जबरदस्ती मीट बनवाया जाता है । और जो कर्मचारी मीट बनाने को मना कर देता है उन कर्मचारियों का निलंबन कर उत्पिडन किया जाता है। निलंबित कर्मचारी का यहां तक आरोप है कि एडीजी जकी अहमद की पोस्टिंग होने के बाद इन मुस्लिम अधिकारियों को पूरा हक प्राप्त हो गया है। जिसके बाद पीटीसी के अंदर जात पात का भेदभाव शुरू हो गया, सौरभ भदोरिया ने यह आरोप लगाया ।कि अहमद और एक अन्य अफसर की वजह से वह जिस विंग में तैनात रहे वह भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया। आरोप है कि इन अफसरों ने ड्यूटी के दौरान मारे जाने वाले पुलिस कर्मियों को मिलने वाले लाभ से भी उन्हें वंचित रखा है। सौरभ भदोरिया का यह आरोप है कि एक वर्ग विशेष पुलिस कर्मियों का दोष सिद्ध होने के बाद भी उन को क्लीन चिट दे दी गई। जबकि बाकी को यूं ही परेशान किया गया । उत्तर प्रदेश पुलिस के एंटी करप्शन विभाग में डेढ़ साल से तैनात रहे। एडीजी जकी अहमद को गृह विभाग ने इस लिए हटा दिया क्योंकि वह कर्मचारियों को प्रताड़ित करते हैं इस आरोप को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार ने उन्हें पुलिस मुख्यालय में अटैच कर दिया