AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद में आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर पुलिस विभाग के भीतर हलचल मच गई है। इस कार्यक्रम के लिए पुलिस परेड ग्राउंड का उपयोग किया गया, जिसे लेकर अब पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कड़ा संज्ञान लिया है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि परेड ग्राउंड का इस्तेमाल निर्धारित नियमों और मानकों के अनुरूप नहीं किया गया, जिसके बाद संबंधित पुलिस अधीक्षक से औपचारिक रूप से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
क्या है पूरा मामला
पुलिस परेड ग्राउंड को किसी भी जिले में अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्थान माना जाता है। यह स्थान मुख्य रूप से पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण, परेड अभ्यास, अनुशासनात्मक गतिविधियों और आधिकारिक समारोहों के लिए आरक्षित होता है। बहराइच में हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में इस परेड ग्राउंड का उपयोग किया गया, लेकिन यह उपयोग पुलिस नियमावली में तय मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया।
मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों तक पहुंची, जिसके बाद पुलिस महानिदेशक ने स्वयं इसका संज्ञान लिया और पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की।
डीजीपी ने क्यों लिया सख्त रुख
पुलिस महानिदेशक कार्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, परेड ग्राउंड का उपयोग केवल उन्हीं उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जिनकी अनुमति पुलिस नियमों में स्पष्ट रूप से दी गई है। किसी भी प्रकार का गैर-आधिकारिक, निजी या नियमों से हटकर किया गया आयोजन न केवल अनुशासन के खिलाफ माना जाता है, बल्कि इससे पुलिस व्यवस्था की गरिमा भी प्रभावित होती है।
डीजीपी का मानना है कि यदि ऐसे मामलों को नजरअंदाज किया गया तो भविष्य में पुलिस संसाधनों के दुरुपयोग को बढ़ावा मिल सकता है। इसी कारण इस मामले में स्पष्ट संदेश देने के उद्देश्य से तत्काल कार्रवाई की गई।
एसपी से मांगा गया जवाब
निर्धारित मानकों के उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए बहराइच के पुलिस अधीक्षक (एसपी) से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। उनसे यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि किन परिस्थितियों में परेड ग्राउंड का उपयोग किया गया, क्या इसके लिए किसी स्तर से अनुमति ली गई थी, और यदि ली गई थी तो वह किस नियम के अंतर्गत थी।
स्पष्टीकरण के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो विभागीय कार्रवाई की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
पुलिस परेड ग्राउंड के लिए क्या हैं नियम
उत्तर प्रदेश पुलिस की नियमावली के अनुसार, परेड ग्राउंड का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों तक सीमित रहता है—
पुलिस जवानों का शारीरिक और अनुशासनात्मक प्रशिक्षण
साप्ताहिक या मासिक परेड
आधिकारिक पुलिस समारोह
राष्ट्रीय पर्वों पर पुलिस से जुड़े आयोजन
उच्च अधिकारियों द्वारा अनुमोदित विशेष कार्यक्रम
इनके अलावा किसी भी प्रकार के कार्यक्रम के लिए परेड ग्राउंड का उपयोग करने से पहले उच्च स्तर से अनुमति लेना अनिवार्य होता है।
अनुशासन और व्यवस्था पर जोर
यह पूरा मामला एक बार फिर यह दिखाता है कि पुलिस विभाग अब अनुशासन और नियमों के पालन को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। डीजीपी स्तर से सीधे संज्ञान लिया जाना इस बात का संकेत है कि विभागीय संरचना में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जा रही है।
पुलिस अधिकारियों को यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि सरकारी संसाधनों का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्यों के लिए ही किया जाए, अन्यथा जिम्मेदारी तय की जाएगी।
स्थानीय स्तर पर क्या असर
बहराइच जिले में इस कार्रवाई के बाद प्रशासनिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि अब जिले के अन्य सरकारी विभाग भी सार्वजनिक और आधिकारिक परिसरों के उपयोग को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगे।
पुलिस विभाग के भीतर भी यह संदेश गया है कि नियमों की अनदेखी चाहे कितनी भी छोटी क्यों न हो, उस पर कार्रवाई संभव है।
आगे क्या हो सकता है
अब सभी की नजरें पुलिस अधीक्षक द्वारा दिए जाने वाले स्पष्टीकरण पर टिकी हैं। यदि डीजीपी कार्यालय को जवाब संतोषजनक लगता है तो मामला चेतावनी तक सीमित रह सकता है। लेकिन नियमों के स्पष्ट उल्लंघन की पुष्टि होने पर विभागीय जांच या अनुशासनात्मक कार्रवाई भी संभव है।
बहराइच में पुलिस परेड ग्राउंड के अनधिकृत उपयोग का मामला केवल एक प्रशासनिक त्रुटि नहीं, बल्कि पुलिस व्यवस्था में अनुशासन और जवाबदेही से जुड़ा विषय है। डीजीपी द्वारा संज्ञान लिया जाना यह दर्शाता है कि शीर्ष स्तर पर नियमों के पालन को लेकर गंभीरता बरती जा रही है।
यह कार्रवाई न केवल बहराइच बल्कि पूरे प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि सरकारी परिसरों और संसाधनों का उपयोग तय मानकों के अनुसार ही किया जाना चाहिए।
The Uttar Pradesh DGP has taken serious action over the unauthorized use of the police parade ground in Bahraich district. Police parade grounds are designated exclusively for training, discipline, and official police ceremonies. Violating these norms has prompted the DGP to seek an explanation from the concerned Superintendent of Police. This incident highlights the strict enforcement of police regulations, accountability of senior officers, and the importance of proper utilization of official police infrastructure in Uttar Pradesh.



















