AIN NEWS 1: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के इस्तीफे के बाद से हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार बढ़ गया है। अबू नज्म फर्नांडो बिन अल-इस्कंदर नामक कट्टरपंथी मौलाना ने इस स्थिति पर घृणास्पद टिप्पणी की है।
हिंदुओं के लिए दो विकल्प
अल-इस्कंदर ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि इस्लामी न्यायशास्त्र के अनुसार हिंदुओं के पास केवल दो विकल्प हैं: पहला, मौत को गले लगाना, और दूसरा, इस्लाम को स्वीकार करना। उसने यह भी कहा कि हिंदुओं को इस बात के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए कि वे हनफी इस्लामिक कानून का सामना कर रहे हैं, न कि अन्य सुन्नी स्कूल जैसे मलिकी, शैफी, या हनबली का।
हिंदुओं के खिलाफ उगलता जहर
अल-इस्कंदर ने सऊदी अरब और कतर में प्रचलित हनबली इस्लामिक कानून का हवाला देते हुए कहा कि गैर-मुस्लिमों को अपमानित करने के लिए मुसलमानों से अलग दिखना चाहिए। उसने यह भी जोड़ दिया कि वह उन हिंदुओं से कोई समस्या नहीं रखता जो मुस्लिम देशों में रहते हुए इस्लामिक कानूनों को मानते हैं और अपने धर्म को छोड़ देते हैं।
अल्पसंख्यकों पर हमले और कट्टरपंथी खुशी
बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से हिंदू समुदाय के घरों और मंदिरों पर हमले बढ़ गए हैं। इस स्थिति से दुनिया भर के कट्टरपंथी मुसलमान खुश हैं और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की उम्मीद कर रहे हैं।
बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हिंसा को रोकने की अपील की है, लेकिन कट्टरपंथी मौलानाओं के जहरीले बयानों ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है।