बुजुर्गों की कमाई में आया उछाल
टैक्स भरने के तोड़े सभी रिकॉर्ड!
1 लाख करोड़ से ज्यादा टैक्स भरा
AIN NEWS 1: भारत में कुल टैक्स पेयर्स की संख्या आबादी के अनुपात में हमेशा से बेहद कम रही है। इसकी एक बड़ी वजह लोगों की कम आमदनी है। ऐसे में सरकार की लगातार कोशिश रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स के दायरे में लाया जाए। इससे सरकार को रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी जिसका इस्तेमाल वो विकास कार्यों के साथ ही कल्याणकारी योजनाओं में कर सकती है। बीते कुछ बरसों में इसका असर देखने को मिला है और टैक्सपेयर्स की संख्या में हर साल तेजी से इजाफा हो रहा है। इस बीच टैक्सपेयर्स को लेकर एक दिलचस्प आंकड़ा भी सामने आया है। इसके मुताबिक वरिष्ठ नागरिकों ने 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा का आयकर भरा है। ये आंकड़ा 2021-22 के मुकाबले साढ़े 35 परसेंट ज्यादा है। जबकि 2021-22 में वरिष्ठ नागरिकों के टैक्स कलेक्शन में महज 5 फीसदी का इजाफा हुआ था।
बुजुर्गों की कमाई में आया उछाल
अगर 2022-23 के वरिष्ठ नागरिकों के टैक्स जमा करने की तुलना 2019-20 यानी कोरोना के पहले के साल से करें तो इस बार वरिष्ठ नागरिकों का इनकम टैक्स कलेक्शन 61 फीसदी ज्यादा रहा है। जानकारों के मुताबिक वरिष्ठ नागरिकों का टैक्स योगदान बढ़ना सरकार के लिए राहत की खबर है। पिछले कुछ बरसों में FD पर बेहद कम रिटर्न मिला है। इसलिए वरिष्ठ नागरिकों ने बैंकों से पैसा निकालकर उसे शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में लगाया। ये पैसा तब लगाया गया, जब कोविड-19 के चलते शेयरों की कीमतें काफी कम थीं। बाद में शेयर बाजार में भारी तेजी आई और ऊंचे दाम पर मुनाफा वसूली करने वाले निवेशकों ने कैपिटल गैन टैक्स जमा कराया। इसका असर भी टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी के तौर पर देखने को मिला।
टैक्स भरने के तोड़े सभी रिकॉर्ड!
2022-23 के दौरान टैक्सपेयर सीनियर सिटीजंस की संख्या भी 18.6 फीसदी बढ़कर 73.1 लाख से 86.71 लाख हो गई। इसके अलावा वन रैंक-वन पेंशन के तहत रिटायर्ड सैनिकों को करीब 57 हजार करोड़ रुपए का एरियर मिला। कैपिटल गेन और डिविडेंड टैक्स में बढ़ोतरी और शेयर बाजार में तेजी भी ज्यादा टैक्स जमा होने की वजह बने। जानकारों के मुताबिक डिविडेंड टैक्स में 2020 के बाद बदलाव से भी कई निवेशकों को इस साल टैक्स देना पड़ा है।
1 लाख करोड़ से ज्यादा टैक्स भरा
वैसे 2022-23 में इनकम टैक्स कलेक्शन में सरकार को कुल मिलाकर भी बड़ी सफलता मिली है। 31 मार्च को खत्म हुए कारोबारी साल में इनकम टैक्स कलेक्शन अनुमान से 17 फीसदी ज्यादा रहा है। इस दौरान कुल 16.61 लाख करोड़ का इनकम टैक्स कलेक्शन हुआ। जिसमें 24 फीसदी हिस्सा व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स का रहा है। अब देखना है कि 2023-24 में कितने लोग नए टैक्स रिजीम को अपनाते हैं और इससे अब सरकार के टैक्स कलेक्शन पर कितना असर होगा। फिलहाल तो नई टैक्स रिजीम में किसी तरह की छूट ना होने से इसको अपनाने को लेकर लोग गुणा भाग करने में व्यस्त हैं।