AIN NEWS 1: आपको बता दें भारतीय रेलवे की तत्काल सेवा के जरिए कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना सबसे अधिक होती है. हालांकि, कई बार फेस्टिव सीजन, शादियों या छुट्टियों के चलते इस तरीके से भी आपकों पक्की टिकट मिलना काफ़ी मुश्किल हो जाता है. ऐसा यात्रियों की संख्या बहुत बढ़ जाने के कारण से ही होता है. ऐसे में उसी समय पर हमारी ही तरह से कई अन्य लोग भी अपनी तत्काल टिकट ही बुक कर रहे होते हैं इससे ये टिकटे फटाफट से खत्म हो जाती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है काउंटर से कंफर्म तत्काल टिकट मिलने की संभावना आखिर ज्यादा क्यों होती है जबकि खुद के लैपटॉप या मोबाइल के माध्यम से अकसर ये टिकट बुक ही नहीं हो पाती है.क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है. तो आज हम आपको इसके पीछे की बेहद ही सरल लेकिन दिलचस्प वजह बताएंगे. यहां सारा ही खेल कनेक्टविटी का होता है. और अपने मुख्य बिंदु पर आने से पहले भारत के रिजर्वेशन सिस्टम के बारे थोड़ा जानना जरूरी है के आख़िर यह काम कैसे करता है. भारतीय रेल का पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम 4 क्षेत्रों में बंटा हुआ है. दिल्ली, मुबंई, चेन्नई और कोलकाता. इन चारों ही स्थानों को ऑप्टिकल फाइबर के जरिए ही एक दूसरे से जोड़ा गया है. देश का हर रेलवे स्टेशन भी इसी तरह से ऑप्टिकल फाइबर से ही जुड़ा हुआ है. अगर दिल्ली के आसपास किसी स्टेशन पर कोई टिकट बुक हो रही है तो वह दिल्ली पीआरएस के जरिए ही बुक होगी.
अब सबसे बड़ी बात यह है की
इन चारों जगहों पर ये रेलवे के सर्वर लगे हुए हैं. इन सर्वर के जरिए ही टिकट यहां टिकट जेनरेट होती है. अब यहां सबसे महत्वपूर्ण है कनेक्टविटी. ये चारों सर्वर पहले से ही आपस में जुड़े होते हैं. इन सर्वर के जरिए टिकट काउंटर से लेकर आईआरसीटीसी की वेबसाइट समेत कई अन्य सेवाएं भी काम कर रही होती हैं. रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर का इन सर्वर के जोड़ से बिलकुल सीधा कनेक्शन होता है. इस कनेक्शन के बीच में कोई रुकावट ही नहीं होती है. यह काउंटर सर्वर की प्राथमिकता पर निर्भर होते हैं. इसलिए टिकट काउंटर से टिकट बहुत जल्दी बुक होती है.
जाने लैपटॉप-मोबाइल से क्यों जल्दी नहीं होती बुक टिकट?
आईआरसीटीसी की वेबसाइट भी इस सर्वर से ही जुड़ी होती है. लेकिन वह सीधे यहां से कनेक्टेड नहीं होती है. सर्वर और साइट के बीच में इंटरनेट क्लाइंट, वेब सर्वर और फायरवॉल भी होती है. इस फायवॉल से कनेक्टेड होती है भारतीय रेलवे की यह वेबसाइट और आईआरसीटीसी का इंटरनेट बुकिंग सिस्टम भी. इसलिए इंटरनेट से टिकट बुक करने में समय कुछ लगता है और तब तक सारी उपलब्ध टिकट बिक चुकी होती हैं. आपको बता दें कि इस सर्वर से चार्टिंग सिस्टम और इंक्वायरी भी डायरेक्ट कनेक्टेड होती है.