Monday, December 23, 2024

भारत की वंदे भारत ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करना अब पड़ेगा भारी, रेलवे के ही इन कर्मचारियों पर होगा कड़ा एक्शन!

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AIN NEWS 1: जान ले वंदे भारत ट्रेन में मुफ्त में किया गया सफर रेलवे के अधिकारी/कर्मचारियों को उस वक्त काफ़ी भारी पड़ा जब इसकी जानकारी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को हुई तो बिना टिकट यात्रा करने वालों के खिलाफ अब पेनल्टी और कार्रवाई के लिए बकायदा नोटिस भी जारी कर दिए गए. ये सभी अधिकारी और कर्मचारी बिलासपुर से नागपुर तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन में ही सफर कर रहे थे. एक तरफ जहां आम लोगों को तो वंदे भारत ट्रेन में अपना सफर करने के लिए एक मोटी रकम चुकानी पड़ती है तो वहीं दूसरी तरफ रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी आराम से इसका आनंद मुफ्त में ही ले रहे हैं.

जाने 65 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अब कठौर कार्रवाई होगी 

इस पूरे मामले को लेकर ही बिलासपुर रेलवे जोन के वरिष्ठ अधिकारियों ने अब इन 65 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ बिना किसी वैध टिकट के ट्रेन में यात्रा करने के मामले में बड़ी कार्रवाई करने का अपना मन बना लिया है. हालांकि, जोन के अधिकतर अफसरों का यह मानना है कि यह नियमों की जानकारी नहीं होने के बिना अफसरों की यात्रा किए जाने से जुड़ा है. और वो अनभिज्ञता में ही इन लोगों ने वंदे भारत ट्रेन में अपना सफर कर लिया होगा.

जाने क्या है पूरा मामला?

बता दें बिलासपुर से नागपुर के बीच 11 दिसंबर से ही शुरू हुई वंदे भारत सुपरफास्ट एक्सप्रेस में पिछले कुछ दिन में ही रेलवे के ही कुल 65 अधिकारियों को नियमों के खिलाफ या बिना किसी वैध टिकट के यात्रा करते हुए पकड़ा गया है. इस खुलासे से ही बिलासपुर जोन में काफ़ी ज्यादा हड़कंप मच गया है. कुछ अफसर अपने परिवार के साथ भी सफर करते हुए मिले हैं. रेलवे के नियम हैं कि ऐसे अफसरों की नौकरी भी जा सकती है. हालांकि, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो इस तरह के मामले में उन्हें नियमों की अनदेखी करने के बजाय उन्हें नियमों के बारे में पूरी तरह से जानकारी ना होना या सामान्य रूप से अनभिज्ञ होने जैसी दलील ही दी जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाल में हुए बदलाव के मुताबिक सलेक्शन ग्रेड अफसर के नीचे के लेवल के अधिकारियों यानी जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड, ए और बी ग्रुप के राजपत्रित अधिकारियों को एक्जीक्यूटिव क्लास का पास अब बंद कर दिया गया है. इसी तरह अराजपत्रित अधिकारियों को मेल– एक्सप्रेस, राजधानी, दूरंतो, शताब्दी में एक्जीक्यूटिव क्लास में पास पर यात्रा के लिए पूरी तरह से अपात्र कर दिया गया. वंदे भारत को शताब्दी की कैटेगरी में ही रखा गया है. कोई अवस्यक पात्रता नहीं होने के बावजूद सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड से नीचे के कुल 65 से अधिक अधिकारी बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली वंदेभारत में ही सफर करते हुए मिले हैं.

जान ले आम लोगों को चुकानी पड़ती है इस सफर के लिए मोटी रकम

बिलासपुर से नागपुर तक चलने वाली वंदे भारत सुपर एक्सप्रेस ट्रेन में आम लोगों को इस सफर के दौरान तकरीबन 3 गुना अधिक पैसा देना होता है लेकिन रेलवे के अधिकारी अपनी नौकरी और रसूख का फायदा उठाते हुए इस ट्रेन में पूरी तरह मुफ्त में सफर करने को अपना अधिकार समझते हैं. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई का मन तो बना लिया लेकिन, अब बिलासपुर रेलवे जोन के ही कुछ अधिकारियों ने इस पूरे मामले में लीपापोती करनी भी शुरू कर दी है.

जाने आम लोगों का कितना लगता है पैसा?

रेलवे के अनुसार, बिलासपुर से रायपुर तक का कुल किराया 905 रुपये है. इसी तरह बिलासपुर से दुर्ग 1155, बिलासपुर से राजनांदगांव 1265, बिलासपुर से गोंदिया 1620, बिलापुर से नागपुर 2045, रायपुर से दुर्ग 705, रायपुर से राजनांदगांव 825, रायपुर से गोंदिया 1245, रायपुर से नागपुर 1695, दुर्ग से राजनांदगांव 690, दुर्ग से गोंदिया 1125, दुर्ग से नागपुर 1575, राजनांदगांव से गोंदिया 1015, राजनांदगांव से नागपुर 1460 और गोंदिया से नागपुर 950 रुपये किराया है.

इन सभी को एग्जीक्यूटिव क्लास में सस्ता सफर संभव

एक्जीक्यूटिव क्लास में बिलासपुर से रायपुर 470 रुपये, बिलासपुर से दुर्ग 635, बिलासपुर से राजनांदगांव 690, बिलासपुर से गोंदिया 865, बिलासपुर से नागपुर 1075, रायपुर से दुर्ग 380, रायपुर से राजनादगांव 440, रायपुर से गोंदिया 680, रायपुर से नागपुर 900, दुर्ग से राजनांदगांव 365, दुर्ग से गोंदिया 720, दुर्ग से नागपुर 845, राजनांदगांव से गोंदिया 565, राजनांदगांव से नागपुर 785 और गोंदिया से नागपुर कुल 495 रुपये है. इस मामले में बिलासपुर रेलवे जोन के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी साकेत रंजन ने जानकारी दी कि यह कोई बहुत गंभीर बात या लापरवाही नहीं है. यह पूरी घटना ही रेलवे का इंटरनल मामला है. रेलवे के अधिकारियों की तरफ से अपनी सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला ही जनहित से जुड़ा नहीं है. और उन्होंने आगे सफाई देते हुए यह भी कहा कि 65 अधिकारियों कर्मचारियों का आंकड़ा भी गलत हो सकता है.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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