मणिपुर हिंसा को लेकर एक्शन में केंद्र सरकार, शांति समिति का किया गठन
मणिपुर हिंसा मामले को लेकर केंद्र सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया है. भारत सरकार ने मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य में एक शांति समिति का गठन किया है.
इस समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं. इनके अलावा समिति में पूर्व सिविल सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. इस बात की जानकारी गृह मंत्रालय द्वारा शनिवार को दी गई.
हाल ही में मणिपुर के कुकी समुदाय के सदस्यों ने पूर्वोत्तर के राज्य में जारी हिंसा के विरोध में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां थामे रखी थीं, जिन पर ‘कुकी समुदाय के लोगों के जीवन की रक्षा करें’ का संदेश लिखा था. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने इसके नारे भी लगाए. वहीं स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के लिए चार प्रदर्शनकारियों को उनके आवास के अंदर जाने की अनुमति दी, जबकि अन्य को जंतर-मंतर भेज दिया था.
मालूम हो 19 अप्रैल को मणिपुर उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य के मेइती समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में मणिपुर में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा मेइतेई/मीतेई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान हिंसा हो गई थी. इस हिंसा में 98 लोगों की जान चली गई वहीं 310 से अधिक लोग घायल हुए थे.
राज्य में हिंसा भड़कने के बाद अमित शाह ने मणिपुर का दौरा. इस दौरान निर्देश दिए गए थे जिसके बाद सुरक्षा बलों ने एक बार फिर सभी लोगों से मणिपुर में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द हथियार रखने की अपील की. इसी संबंध में भारत सरकार ने मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए एक समिति का गठन किया है.