मनीष सिसोदिया को जेल या बेल? ईडी से जुड़े मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट आज सुनाएगा फैसला !

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मनीष सिसोदिया को जेल या बेल? ईडी से जुड़े मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट आज सुनाएगा फैसला !

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के लिए आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित घोटाला मामले से जुड़े ईडी केस में दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को सिसोदिया की जमानत याचिका को लेकर अपना फैसला सुनाएगा।

इसके साथ ही कोर्ट इसी मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर, हैदराबाद के उद्यमी अभिषेक बोइनपल्ली और बिनाय बाबू की जमानत याचिका पर दोपहर 2:30 बजे निर्णय देगी।

 मई में जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने बहस पूरी करने के बाद मनीष सिसोदिया और विजय नायर की नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी बेंच ने इसी मामले के संबंध में हैदराबाद के उद्यमी अभिषेक बोइनपल्ली और बिनाय बाबू की जमानत पर आदेश सुरक्षित रखा था। ट्रायल कोर्ट ने पहले उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।

 इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पिछली शराब नीति के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले सीबीआई मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने सीबीआई मामले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया एक ताकतवर नेता है। वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका कर दी थी खारिज

 राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पहले एक्साइज घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि “आर्थिक अपराध का यह मामला आम जनता और समाज पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है, क्योंकि जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूत बहुत कुछ कहते हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि कथित तौर पर जांच के दौरान कुछ सबूत भी सामने आए हैं, जिससे पता चलता है कि दक्षिण लॉबी से मिली रिश्वत की राशि का कुछ हिस्सा गोवा में आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान पर खर्च किया गया था और नकद भुगतान किया गया। आरोप है कि उक्त खर्चों को वहन करने के लिए हवाला चैनलों को गोवा भेजा गया था और यहां तक कि हवाला चैनलों के माध्यम से हस्तांतरित नकद राशि के लिए कवर-अप के रूप में कुछ फर्जी चालान भी बनाए जाने का आरोप है।

ऐसा भी कहा गया है कि उपरोक्त कैश ट्रांसफर सह-अभियुक्त विजय नायर के निर्देशों के अनुसार किया गया था, जो आवेदक और AAP के प्रतिनिधि थे और AAP के मीडिया प्रभारी भी थे। साथ ही चुनावों से संबंधित कार्य देख रहे थे और वह भी इसमें शामिल थे। एम/एस चैरियट प्रोडक्शंस मीडिया प्राइवेट नामक कंपनी थी। जिसका स्वामित्व सहअभियुक्त राजेश जोशी के पास था, जो उक्त चुनावों के दौरान पार्टी के लिए चुनाव-संबंधित विज्ञापन कार्य और अन्य कार्य करता था।

गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था तब से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें कुछ दिन पहले ही अपनी बीमार पत्नी से मिलने के लिए कुछ छूट मिली थी। हालांकि उन्हें शर्तों के साथ ही जेल से बाहर आने की इजाजत दी गई थी। उनकी पत्नी की हालत काफी खराब है, जिसके चलते कई बार सिसोदिया जमानत की याचिका दायर कर चुके हैं।

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