Ainnews1.Com :- आपको बताते चले आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि बाजार आपूर्ति के दृष्टिकोण से अब काफ़ी सही दिखाई दे रहा है और कई उच्च आवृत्ति संकेतक 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में रिकवरी की ओर इशारा भी कर रहे हैं। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि हमारा वर्तमान आकलन बताता है कि 2022-23 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम होती जा सकती है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ये बातें कौटिल्य इकोनॉमिक कॉनक्लेव के दौरान ही कही है। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है कि वर्तमान दौर मुद्रास्फीति के ग्लोबलाइजेशन का चल रहा है।
पूरी दुनिया इससे प्रभावित भी हो रही है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना महामारी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार अब होने लगी है हलाकि मुद्रास्फीति अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। यह अब भी केंन्द्रीय बैंकों के अनुमानों के ऊपर ही मानी जा रही है। आपको बता दें कि बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए आरबीआई ने बीते मई महीने से अब तक रेपो में लगभग 4.9 प्रतिशत (90 बेसिस प्वाइंट) की बढ़ोतरी तो कर दी है। उम्मीद जतायी जा रहा है कि आरबीआई का रेट सेटिंग पैनल अगस्त में होने वाली बैठक में भी पॉलिसी रेट्स को बढ़ाने का सम्भव फैसला ले सकता है।