AIN NEWS 1: बता दें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश पर सीओ ज्ञानपुर भुवनेश्वर पांडेय (तत्कालीन सुरियावां थाना प्रभारी) सहित 31 के खिलाफ विभिन्न धाराओं में सुरियावां थाने में अब मुकदमा दर्ज किया गया। इन 31 लोगों में जोधापुर के ग्राम प्रधान, सीओ समेत सात पुलिसकर्मी, 11 मनरेगा मजदूर और कुछ ग्रामीण भी शामिल हैं। मामले में उप निरीक्षक प्रमोद यादव को इस मामले की विवेचना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोर्ट से रोक के बाद भी विवादित जमीन पर रास्ता निर्माण कराने पर यह कार्रवाई की गई है।
सुरियावां थानाक्षेत्र के जोधपुर गांव निवासी कमरूद्दीन ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां एक प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप लगाया था कि सिविल न्यायालय में 23 नवंबर 2021 को कमरूद्दीन बनाम रमाशंकर को मुकदमा दाखिल किया था। जिसकी जानकारी सुरियावां पुलिस को भी थी।बावजूद इसके 26 नवंबर 2021 को ग्राम प्रधान श्रीराम यादव, बलवंता यादव, रमाशंकर शर्मा, राम केवल शर्मा, रोहित शर्मा एक राय होकर आए और जबरदस्ती जमीन पर कब्जा करना चाहा। विरोध करने पर उन्हें नुकसान पहुंचाया गया। कहा कि प्रधान, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक भुवनेश्वर पांडेय पुलिस के जवानों और मनरेगा मजदूरों संग 19 दिसंबर 2021 को मेरी जमीन पर बिछी ईंटों को उखाड़कर जबरदस्ती रास्ता बना दिया।मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साबिहा खातून की अदालत के आदेश पर पुलिस ने सीओ ज्ञानपुर भुवनेश्वर पांडेय, रमाशंकर शर्मा, रामकेवल शर्मा, कृष्ण मुरारी, श्रीराम यादव, कुश शर्मा, उप निरीक्षक परशुराम यादव, कांस्टेबल आशुतोष पांडेय, प्रदीप सरोज, मुनेश कुमार, कांस्टेबल घनश्याम पांडेय, मनीष सहित 11 मनरेगा मजदूर अज्ञात सहित 31 के खिलाफ 120 बी, 147, 148, सहित आठ से अधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया । अब मामले की विवेचना के लिए सुरियावां थाने के उप निरीक्षक प्रमोद यादव को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने शुक्रवार को बताया कि मामला जोधपुर गांव का है। कमरुद्दीन ने कुछ महीने पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सबिहा खातून की अदालत में यह एक याचिका दायर की थी और अदालत ने सात पुलिसकर्मियों सहित 31 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। जिस पर कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि मामले की विवेचना अब शुरू हो गई है।