AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। यहां एक नाबालिग लड़के की जबरन शादी एक उम्रदराज महिला से करा दी गई। यह घटना न केवल कानून की अवहेलना है, बल्कि इंसानियत को भी शर्मसार करने वाली है।
मां पहुंची एसएसपी दफ्तर, मांगी न्याय की गुहार
किदवई नगर की रहने वाली शिबा, अपने 15 वर्षीय बेटे समद के साथ हुई ज्यादती को लेकर बुधवार को मुजफ्फरनगर एसएसपी कार्यालय पहुंची। रोते-बिलखते हुए उन्होंने एसपी देहात आदित्य बंसल को एक प्रार्थना पत्र सौंपा और पूरी घटना का विवरण दिया।
शिबा ने बताया कि कुछ लोगों ने उसके बेटे समद को झूठे बहाने से घर से बाहर बुलाया, फिर उसे बंधक बना लिया और जबरन उसकी शादी करा दी। हैरानी की बात यह है कि समद की शादी एक 35 साल की महिला, फरीन, से कराई गई जो उससे दोगुनी उम्र की है।
“मेरे बेटे की जिंदगी बर्बाद कर दी” — पीड़ित मां
शिबा ने बताया कि उसका बेटा अभी नाबालिग है और स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। उसने कभी शादी जैसी चीज़ों के बारे में सोचा भी नहीं था। लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों ने अपनी मनमानी के चलते उसकी जिंदगी को दांव पर लगा दिया।
उन्होंने यह भी बताया कि फरीन पहले से किसी और व्यक्ति के साथ रिश्ते में थी, और इस शादी के पीछे कोई छिपा मकसद हो सकता है। शिबा का कहना है कि जब उन्होंने इस जबरन शादी का विरोध किया, तो आरोपी पक्ष ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने अपने बेटे को वापस लाने की कोशिश की, तो उन्हें झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा।
प्रशासन से न्याय की मांग
थकी-हारी और आंसुओं में डूबी शिबा ने पुलिस प्रशासन से विनती की है कि इस बाल विवाह को तुरंत अवैध घोषित किया जाए और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर समय पर कदम नहीं उठाया गया, तो न केवल उनके बेटे की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी बल्कि समाज में गलत संदेश जाएगा कि कोई भी नाबालिग को इस तरह फंसा सकता है।
अधिकारियों ने शुरू की जांच
मामले की जानकारी मिलने के बाद सीओ भोपा देवव्रत वाजपेई ने बताया कि पीड़िता का प्रार्थना पत्र प्राप्त हो चुका है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में यह बाल विवाह साबित होता है, तो आरोपी पक्ष पर पॉक्सो एक्ट और बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस घटना ने स्थानीय लोगों में भी भारी नाराजगी पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि इस तरह के मामले समाज में बुरा संदेश देते हैं और नाबालिग बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी जाए और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
बाल विवाह: कानून और समाज दोनों के खिलाफ अपराध
कानून के मुताबिक, लड़के की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़की की 18 साल होती है। ऐसे में 15 वर्षीय बच्चे की शादी करवाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह उसके बचपन और भविष्य के अधिकारों का भी हनन है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।
समाज के लिए सबक
यह मामला सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है कि अब भी कुछ लोग कानून और नैतिकता की सीमाओं को लांघ रहे हैं। ऐसे लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को इस तरह के शोषण से बचाया जा सके।
A shocking incident has emerged from Muzaffarnagar, Uttar Pradesh, where a 15-year-old minor boy was allegedly forced to marry a 35-year-old woman. The boy’s mother has approached the police, pleading for justice and urging authorities to declare the marriage illegal. The case has sparked outrage among locals, highlighting serious child marriage, human rights violations, and abuse of minors. Police have started an investigation, and strict legal action is expected under the POCSO Act and Child Marriage Prohibition Act if the allegations are proven true.



















