Ainnews1.com :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 जुलाई को सपा संरक्षक मुलायम सिंह के दोस्त और सेंट्रल यूपी के कद्दावर नेता रहे स्व. चौधरी हरमोहन सिंह यादव की दसवीं पुण्यतिथि कार्यक्रम में आ सकते हैं। इस परिवार से मुलायम का करीब 50 साल पुराना रिश्ता टूटने की कगार पर है। इस इलाके में समाजवादी सियासत को खाद देने वाले क्यूकि इस परिवार से अब भाजपा ने रिस्ता जोड़ लिया है। कहा यह जा रहा है कि प्रधानमंत्री के आने के बाद से भाजपा से इस परिवार का रिश्ता और मजबूत हो जाएगा।मुलायम के करीबी इस परिवार के भाजपा के नजदीक आने की चर्चा अप्रैल में तब शुरू हो गई थी जब स्व. चौधरी हरिनाम सिंह के बेटे और सपा के राज्यसभा सांसद सुखराम यादव सीएम योगी से मिलने गए थे। सुखराम विधानपरिषद के सभापति भी रह चुके थे। राज्यसभा में उनका कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है सुखराम यादव सपा मुखिया अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने उस वक्त भी कहा था कि अखिलेश उन्हें ही मिलने के लिए समय नहीं दे रहे।समाजवादी पार्टी को करीब से जानने वाले बुजुर्ग एडवोकेट जयदेव सिंह यादव कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव ने जब 60 के दशक में पहला चुनाव लड़ा था तो यादव महासभा के जरिए रामगोपाल यादव ने उनकी बहुत मदद की थी। रामगोपाल, हरमोहन सिंह यादव के भाई थे। इस चुनाव से दोनों परिवारों के रिश्ते मजबूत हो गए। रामगोपाल 1977 में बिल्हौर लोकसभा सीट से सांसद भी रहे। रामगोपाल के निधन के बाद हरमोहन सिंह ने यादव महासभा के संचालन का जिम्मा संभाला। अंतिम समय तक वह इसे पूरी मजबूती से चलाते रहे। मुलायम सिंह यादव अक्सर कानपुर के मेहरबान सिंह का पुरवा में हरमोहन सिंह से मिलने आते थे। 2012 में चौधरी हरमोहन के निधन के बाद भी ये रिश्ता यू ही चला। 2016 में सुखराम समाजवादी पार्टी से राज्यसभा पहुंचे। लेकिन बीजेपी के बढ़ते असर के बीच निष्ठाएं बदलने लगीं। बीते हुए साल सुखराम के बेटे मोहित बीजेपी में चले गए। सुखराम के भाई जगराम कानपुर की सरसौल सीट से विधायक रहे। सुखराम और उनके बेटे भले ही बीजेपी के लिए झुकाव दिखाएं, लेकिन उनके भाई जगराम समाजवादी पार्टी के प्रति निष्ठावान हैं।समाजवादी पार्टी से सांसद रहते हुए पीएम को आमंत्रित करने के सवाल पर सांसद सुखराम ने कहा कि पीएम पूरे देश के प्रतिनिधि हैं। वह किसी पार्टी, जाति या धर्म के प्रधानमंत्री नहीं हैं। अभी मैं विदेश गया था। पीएम की वजह से वहां भारत की छवि देख कर बहुत खुशी हुई और समझ आया कि विदेशों में भी भारत का सम्मान बढ़ गया है।