साहिबाबाद। इंदिरापुरम तक मेट्रो का विस्तार कराने की मांग लेकर 65 सोसायटियों के लोगों ने मुहिम शुरु की है। पहले दिन हस्ताक्षर कराए गए। ये सभी लोग एक सुर में रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प लेकर लोगों ने अधिकारियों तक बात पहुंचा दी है। इससे पहले वैशाली और वसुंधरा के लोग मशाल जुलूस निकाल चुके हैं। उधर, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण रोपवे प्रोजेक्ट पर ही आगे बढ़ रहा है।
लोगों ने बताया कि इंदिरापुरम तक मेट्रो विस्तार के लिए वर्ष 2011 में पिलर खड़ा कर दिया गया। दो करोड़ रुपये का इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार हुई लेकिन 11 वर्ष बाद भी मेट्रो विस्तार का काम शुरू नहीं किया गया। इंदिरापुरम से दिल्ली एनसीआर में जाने वाले करीब दो लाख से अधिक नौकरीपेशा लोगों को मेट्रो की आवश्यक्ता है। रोपवे मेट्रो का विकल्पनहीं हो सकता है। यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
दरअसल, मोहन नगर से वैशाली तक रोपवे प्रोजेक्ट जीडीए ने फाइनल किया है। माना जा रहा है कि अगले चरण में इसे इंदिरापुरम तक विस्तार दिया जाएगा। इसी वजह से इंदिरापुरम के लोग विरोध में उतरे हैं। बुधवार को वार्ड 100 के पार्षद संजय सिंह ने जीडीए वीसी को भी ज्ञापन सौंपा था। वहीं बृहस्पतिवार से मेट्रो विस्तार की मांग को लेकर शिप्रा सनसिटी से हस्ताक्षर मुहिम की शुरुआत हो गई। इस मुहिम से आम जनता के साथ ही जनप्रतिनिधि भी जुड़े हुए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों दलों के पार्षद इस मुहिम को समर्थन दे रहे हैं। बृहस्पतिवार से दूसरी सोसायटियों में भी मेट्रो विस्तार के लिए हस्ताक्षर अभियान चलेगा।
रोपवे मेट्रो का विकल्प नहीं
लोगों ने कहा कि रोपवे प्रोजेक्ट मेट्रो का विकल्प नहीं हो सकता है। इंदिरापुरमए वैशाली और वसुंधरा से रोज ढाई लाख से ज्यादा नौकरीपेशा लोग नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद जाते हैं। रोपवे इनके लिए पर्याप्त नहीं है। रोपवे के मुकाबले मेट्रो अधिक सुरक्षित है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी मेट्रो बेहतर है।
पहाड़ों पर ही चलाएं रोपवे
लोगों ने कहा कि रोपवे पहाड़ों के लिए ठीक है, मैदान के लिए नहीं। इससे दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के लिए सीधी कनेक्टिविटी नहीं मिल सकेगी। एक बार में महज सौ से डेढ़ सौ लोग ही कर सकेंगे सफर, इंतजार होगा लंबा। रोपवे में पांच सौ करोड़ रुपये खर्च कर महज दस साल के लिए सुविधा मिलेगी। मेट्रो कई पीढ़ियों के लिए होगी।
मेट्रो जब दिल्ली की तंग बस्तियों से गुजर सकती है तो गाजियाबाद में क्यों नहीं, रोपवे प्रोजेक्ट छलावा है, इसे मंजूर नहीं किया जा सकता है, जीडीए और सरकार को अपना फैसला बदलना ही होगा। – अंशुमान सिंह, अध्यक्ष शिप्रा सनसिटी सोसायटी