मेयर ने कहा, कंपनी का अनुबंध निरस्त करने के लिए शासन को लिखेगी पत्र !
बता दे कि यूपी के गाजियाबाद में एक ही संपत्ति के डबल संपत्तिकर के बिल जारी होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है बिल तैयार होने वाली आगरा का निजी कंपनी नगर निगम के रडाल पर आ गई है वही महापौर सुनीता दयाल ने मामले का संज्ञान लेकर डबल पिन वाली संपत्तिकर की फाइलों की जांच रिपोर्ट तलब की है बता दे की कुछ दिनों 303 संपत्तियों के दोहरा बिल जारी होने का मामला सुर्खियों में आया था 2014 – 2020 के बीच जारी किए गए संपत्तिकर के नोटिस में दोहरा बिल आने की शिकायत नगर निगम में की गई थी शिकायत के बाद तत्कालीन नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने 7 सदस्यीय सदस्यों कमेटी बनाकर जांच कराई तो पता चला कि अधिकांश संपत्तियों के बिल गड़बड़ी हुई है काफी लोगों ने कोर्ट में अपील की तो कोर्ट ने भी समस्या का समाधान करने के आदेश दिए इसके बाद बिलों में त्रुटियों को ठीक कर संशोधित बिल तैयार कर उपभोक्ताओं को भेजा गया पिछले दिनों नंदग्राम निवासी एसपी शर्मा ने वसुंधरा जोन की 22 संपत्तियों में टैक्स माफ करने की शिकायत नगर निगम में की तो मामले में फिर से तूल पकड़ लिया वही महापौर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए तो पुरानी जांच रिपोर्ट का खुलासा हुआ जानकारी के मुताबिक आपको बता दे की 303 संपत्तियां के टैक्स में गड़बड़ी होने पर 14 करोड़ 83 लाख रुपए का कर हटा दिया गया मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉक्टर संजीव सिंह का कहना है कि बिल जांच पड़ताल के बाद ही तैयार किए जाते हैं कुछ मामले में दोहरा बिल जारी होने की शिकायत मिली थी जिसे ठीक कराया गया सॉफ्टवेयर में तकनीकी कमी की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई
पार्षद अजय शर्मा ने क्या कहा
वहीं बता दे कि पार्षद अजय शर्मा ने भी टैक्स विभाग की कार्यप्राणाली पर सवाल उठाए और कहा कि टैक्स विभाग में बिल जारी करने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है इसकी जांच कराई जाए
महापौर सुनीता दयाल ने दी जानकारी
बता दे कि महापौर सुनीता दयाल का कहना है की फाइलों की जांच कराई जा रही है प्रथम दृष्टया या मामला सामने आया है कि पिछले कई सालों से आगरा की एक कंपनी को बिल का डेटा तैयार करने का जिम्मा दिया गया है अलग-अलग पिन से दोहरा बिल जारी होने की शिकायत प्राप्त हो रही है वही कंपनी के निदेशक को तलब किया गया है शासन को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया गया है यदि यह गड़बड़ी जानबूझकर की जा रही है तो कंपनी का अनुबंध समाप्त करने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा