कोर्ट का समय बर्बाद करने पर SC ने ठोका हर्जाना
याचिकाकर्ता ने गरीबी की दुहाई देकर माफी मांगी
SC ने जुर्माना 1 लाख से घटाकर 25 हजार किया
AIN NEWS 1: बता दें सुप्रीम कोर्ट में मुआवजे की मांग को लेकर एक ऐसा मामला आया जिसे सुनकर अदालत बेहद नाराज हो गई और याचिकर्ता पर भारी जुर्माना लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई है जिसने गूगल इंडिया के खिलाफ याचिका दायर करके 75 लाख रुपये मुआवजा मांगा था। याचिकाकर्ता ने कहा था कि यूट्यूब पर न्यूडिटी कंटेंट वाले विज्ञापन हैं जिससे उसका ध्यान भंग हुआ और वो मध्य प्रदेश पुलिस की परीक्षा में फेल हो गया था। सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद-19 (2) के तहत इस तरह के विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा कि अगर विज्ञापन पसंद नहीं आता है तो आप उसे नजरअंदाज करें और ना देखें। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपकी याचिका ऐसी है जिसकी वजह से आपको कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए जुर्माना देना होगा और याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया जिससे बाकी लोगों के लिए ये सबक हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका से कोर्ट का समय जाया होता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि
मैं इस अवसर पर लखनऊ के प्रबुद्धजनों का आह्वान करूंगा…#youtuber #YogiAdityanathji #yogi #Ainnews1 #AINNEWS1 pic.twitter.com/9T8mF0Jxx4
— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) December 7, 2022
याचिकाकर्ता को कोर्ट ने जमकर डांट लगाई
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अनुच्छेद-19 (2) के संदर्भ में अब तक दाखिल किसी भी याचिका में ये सबसे कमजोर याचिका है। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या आपको इसके लिए मुआवजा चाहिए कि आप नेट देखने की वजह से इम्तिहान में फेल हो गए? कंटेट में सेक्सुअल सामग्री थी और इसकी वजह से आपका ध्यान भंग हो गया और कोर्ट आ गए कि आपको मुआवजा चाहिए? उधर कोर्ट के जुर्माने के आदेश पर याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके माता पिता मजदूर हैं उसे माफ किया जाए।
अदालत ने 1 लाख से 25 हजार रुपये की हर्जाने की रकम
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने लोकप्रियता के लिए ऐसा किया और आपको लगता है कि आपको माफ कर दिया जाए लेकिन आपको माफी नहीं मिलेगी और फिर कोर्ट ने याचिकाकर्ता की जुर्माने की रकम को घटा दिया और उसे निर्देश दिया कि वो 25 हजार रुपये हर्जाना राशि जमा करे। सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया गया कि याचिकाकर्ता के पास रोजगार तक नहीं है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकवरी की जाएगी।