AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनके किसी भी प्रकार के मतभेद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो क्या वह आज इस पद पर बने रह सकते थे? पार्टी ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है, और उनके निर्णय पार्टी के विचारों और संसदीय बोर्ड की सहमति से होते हैं।
केंद्रीय नेतृत्व से मतभेद का कोई सवाल नहीं
योगी आदित्यनाथ ने पीटीआई के पॉडकास्ट में कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनका कोई टकराव नहीं है। टिकट वितरण जैसे महत्वपूर्ण निर्णय पार्टी का संसदीय बोर्ड करता है, जहां सभी नामों पर गहन चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि लोग कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि पार्टी के बिना वह इस पद पर नहीं होते।
सड़कें यातायात के लिए, नमाज के लिए नहीं
मुख्यमंत्री ने सड़क पर नमाज पढ़ने की पाबंदी के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि सड़कें यातायात के लिए होती हैं, न कि धार्मिक गतिविधियों के लिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 66 करोड़ लोग आए, लेकिन कोई अव्यवस्था, हिंसा या अपराध नहीं हुआ। यह धार्मिक अनुशासन का उदाहरण है, और सभी को इसे अपनाना चाहिए।
वक्फ बोर्ड पर कड़ा प्रहार
योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बोर्ड को ‘लूट-खसोट का अड्डा’ बताते हुए कहा कि इन संस्थानों का उद्देश्य मुस्लिम समाज का कल्याण करना था, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने हिंदू मंदिरों और मठों द्वारा किए गए जनहित कार्यों का उल्लेख करते हुए सवाल किया कि क्या किसी वक्फ बोर्ड ने जनता के हित में कोई बड़ा काम किया है?
बुलडोजर नीति पर जवाब
मुख्यमंत्री ने बुलडोजर नीति को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने इसका सही उपयोग करना सिखाया है। यह केवल अवैध निर्माणों और अपराधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि प्रदेश में कानून-व्यवस्था सुदृढ़ हो।
सपा पर हमला: ‘गोबर से दुर्गंध आती है, अपने कृत्यों से नहीं’
बरेली में एक कार्यक्रम के दौरान, योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तंज कसते हुए कहा कि सपा के नेता गोवंश को कसाइयों के हवाले कर देते थे, जबकि उनकी सरकार ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि सपा को गोबर से दुर्गंध आती है, लेकिन अपने कर्मों की गंध महसूस नहीं होती।
शिक्षा और स्वास्थ्य प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने शिक्षा और स्वास्थ्य को समाज के विकास की नींव बताया। उन्होंने ‘स्कूल चलो’ अभियान और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में सुधार से ही एक सभ्य और विकसित समाज का निर्माण संभव है।
भविष्य में प्रधानमंत्री बनने की अटकलों पर जवाब
योगी आदित्यनाथ ने खुद को ‘फुल टाइम पॉलिटिशियन’ मानने से इनकार किया और कहा कि वह दिल से एक योगी हैं। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश की सेवा करना है, और राजनीति का भी एक समय सीमा होती है।
‘नाम नहीं, काम से पहचान’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पहचान उनके काम से होनी चाहिए, न कि नाम से। उन्होंने कहा कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करते हुए देश को सर्वोपरि मानते हैं। धर्म और राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता अटूट है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके द्वारा किए गए कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए यादगार रहेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने इस इंटरव्यू में बेबाकी से अपनी बात रखते हुए स्पष्ट किया कि केंद्रीय नेतृत्व से उनके मतभेद की खबरें निराधार हैं। उन्होंने कानून-व्यवस्था, धार्मिक अनुशासन, वक्फ बोर्ड, बुलडोजर नीति और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर अपने विचार रखे। उनका मानना है कि उनकी सरकार की नीतियां प्रदेश के हर नागरिक के हित में हैं और आने वाले समय में उनके कार्यों को लोग याद रखेंगे।
Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath has strongly denied any rift with BJP’s central leadership, stating that he is in his position due to the party’s support. In a recent interview, he addressed key issues like the Waqf Board controversy, road prayers, and bulldozer politics. He emphasized that roads are meant for public transport, not religious activities, and defended his administration’s strict law enforcement. Highlighting BJP’s governance, he said that welfare schemes benefit all communities, including Muslims, with a 40% share. His statements on discipline, governance, and leadership continue to shape political discussions in India.