AIN NEWS 1: अयोध्या ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। प्रभु श्रीराम की नगरी इस वर्ष धार्मिक पर्यटन की नई राजधानी बन गई है। जनवरी से सितंबर 2025 तक लगभग 22.41 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक यहां पहुंच चुके हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 6 करोड़ अधिक है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि रामलला की नगरी न केवल भारत में बल्कि अब विश्व स्तर पर भी आस्था का केंद्र बन चुकी है।
श्रद्धालुओं की बाढ़ और बढ़ती लोकप्रियता
पिछले कुछ वर्षों में अयोध्या का धार्मिक महत्व और आकर्षण लगातार बढ़ा है। राम मंदिर के भव्य निर्माण, स्वच्छता, और आधुनिक सुविधाओं ने यहां आने वाले भक्तों की संख्या को कई गुना बढ़ा दिया है।
हनुमानगढ़ी, सरयू घाट और राम जन्मभूमि परिसर रोजाना लाखों भक्तों से भरे रहते हैं। यहां आने वाले केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
पर्यटन विभाग के अनुसार, इस साल औसतन हर महीने दो करोड़ से अधिक लोग अयोध्या पहुंचे हैं। यह संख्या अपने आप में देश के किसी भी धार्मिक स्थल के लिए एक नया रिकॉर्ड है।
वर्ष दर वर्ष बढ़ते श्रद्धालु — आंकड़ों में आस्था की कहानी
वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या
2021 1,57,43,790
2022 2,21,38,805
2023 5,75,70,896
2024 16,44,19,522
2025 22,41,96,805
इन आंकड़ों से साफ है कि पिछले पांच सालों में अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 10 गुना बढ़ी है।
2021 में जहां मात्र डेढ़ करोड़ लोग पहुंचे थे, वहीं 2025 में यह आंकड़ा 22 करोड़ को पार कर चुका है।
महाकुंभ ने दिया बड़ा योगदान
2025 में आयोजित महाकुंभ के दौरान अयोध्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिला।
सिर्फ 45 दिनों के भीतर लगभग 3 करोड़ भक्त रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन करने पहुंचे।
इस दौरान प्रतिदिन करीब पांच लाख श्रद्धालु रामलला के दरबार में हाजिरी लगा रहे थे।
महाकुंभ ने न केवल धार्मिक महत्व को बढ़ाया बल्कि अयोध्या की अर्थव्यवस्था में भी जबरदस्त उछाल लाया।
पर्यटन, होटल, परिवहन और प्रसाद विक्रेताओं समेत शहर की सभी व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आई।
महज डेढ़ महीने में करीब 3,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिली।
अर्थव्यवस्था में उछाल और बढ़ता जीएसटी संग्रह
पर्यटन विभाग के अनुसार, श्रद्धालुओं की इस अभूतपूर्व बढ़ोतरी का असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी स्पष्ट रूप से दिखा।
होटल, रेस्त्रां, जलपान गृह और ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जीएसटी राजस्व में 161.03% की वृद्धि दर्ज की गई है।
केवल नौ महीनों में 99.29 लाख रुपये का जीएसटी संग्रह किया गया, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है।
अयोध्या की बढ़ती लोकप्रियता ने यहां रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए हैं।
होटल व्यवसाय, गाइड सेवा, हस्तशिल्प, और स्थानीय उत्पादों की बिक्री से हजारों लोगों को सीधा लाभ हुआ है।
अयोध्या बन रही है वैश्विक धार्मिक पर्यटन का केंद्र
पर्यटन उपनिदेशक बृजपाल सिंह ने बताया कि अब अयोध्या सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक वैश्विक धार्मिक पर्यटन केंद्र बन चुकी है।
हर साल यहां आने वाले श्रद्धालुओं का नया रिकॉर्ड बन रहा है, और भविष्य में यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है।
सरकार की ओर से लगातार बुनियादी ढांचे, परिवहन और सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है।
राम मंदिर कॉरिडोर, सरयू रिवरफ्रंट, और अयोध्या एयरपोर्ट जैसी परियोजनाएं शहर को विश्व स्तर पर जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
श्रद्धा के साथ समृद्धि की राह पर अयोध्या
रामलला की नगरी में अब सिर्फ पूजा-अर्चना ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक पर्यटन और आर्थिक विकास दोनों साथ-साथ बढ़ रहे हैं।
यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल आस्था से जुड़े हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति, संगीत, नृत्य और खानपान का भी आनंद ले रहे हैं।
रोजाना लाखों लोग रामलला के दर्शन, सरयू स्नान और हनुमानगढ़ी की परिक्रमा कर रहे हैं।
इन पलों में सिर्फ धार्मिक भावनाएं ही नहीं, बल्कि एकता, शांति और भारतीय संस्कृति की झलक भी दिखाई देती है।
अयोध्या का भविष्य: विश्व पर्यटन नक्शे पर नई पहचान
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में अयोध्या का नाम विश्व के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में शुमार होगा।
राम मंदिर के पूरी तरह खुलने और नई सुविधाओं के जुड़ने से यहां पर्यटकों की संख्या में और तेज़ी से इज़ाफा होगा।
सरकार का लक्ष्य है कि अयोध्या को “धार्मिक राजधानी और आध्यात्मिक गेटवे” के रूप में विकसित किया जाए, ताकि यहां की संस्कृति और अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूती मिल सके।
Ayodhya has set a new milestone in religious tourism with over 22 crore devotees visiting Ram Mandir in 2025, surpassing last year’s 16 crore record. The city of Lord Ram has now become India’s largest pilgrimage destination, attracting millions of visitors every month. With major spots like Hanumangarhi, Sarayu Ghat, and Ram Mandir, Ayodhya is not only witnessing a spiritual wave but also boosting the local economy and tourism industry. The increased GST collection and growing infrastructure highlight how Ayodhya is emerging as a global spiritual tourism hub.
अयोध्या आज सिर्फ रामलला की नगरी नहीं रही, बल्कि विश्व भर के भक्तों की आस्था का केंद्र बन गई है।
22 करोड़ श्रद्धालुओं का यह आंकड़ा न केवल एक रिकॉर्ड है, बल्कि यह प्रमाण है कि रामनगरी अब विश्व पर्यटन के मानचित्र पर अग्रणी स्थान हासिल कर चुकी है।