रूस से गायब हो रहे हैं पुरुष! कुछ जंग में गए कुछ देश छोड़कर भागे। महिलाएं अकेले बिता रही हैं वक्त!

रूस में शहरों की सड़कों से पुरुष कम दिखाई देते हैं। जो दिख भी रहे हैं, उन्हें पुलिस पकड़ रही है। सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि मॉस्को के एक मेट्रो स्टेशन के बाहर तैनात पुलिस मर्दों को पकड़-पकड़ कर सेना में भर्ती कर रही है।

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जंग के बाद रूस से गायब होने लगे पुरुष

महिलाओं का देश बनता जा रहा है रूस

सड़कों पर दिखाई देने वाले पुरुषों को पुलिस पकड़ रही है

AIN NEWS 1: रूस में शहरों की सड़कों से पुरुष कम दिखाई देते हैं। जो दिख भी रहे हैं, उन्हें पुलिस पकड़ रही है। सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि मॉस्को के एक मेट्रो स्टेशन के बाहर तैनात पुलिस मर्दों को पकड़-पकड़ कर सेना में भर्ती कर रही है। पिछले करीब 1 महीने में 7 लाख से ज्यादा पुरुष देश छोड़कर कजाकिस्तान, यूरोपीय देशों में और जॉर्जिया में चले गए हैं। इसके अलावा अर्मेनिया, अजरबैजान, इजरायल और अर्जेंटीना जैसे देशों में भी लाखों पुरुषों ने ठिकाना बना लिया है।

रूस को 10 लाख पुरुषों की सेना में भर्ती करनी है

रूस का लक्ष्य 10 लाख से ज्यादा पुरुषों को सेना में भर्ती करने का है। लेकिन फिलहाल पुरुषों के पलायन के चलते मॉस्को से इस्तांबुल, येरेवन, ताशकंद और बाकू के लिए ज्यादातर डायरेक्ट फ्लाइट्स की सभी टिकटें बिक गई हैं। इनमें से ज्यादातर वो देश हैं जहां रूसियों की वीजा-फ्री एंट्री है। रूस-जॉर्जिया और रूस-मंगोलिया बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में रूसियों के पहुंचने से बॉर्डर पर ट्रैफिक इंतजाम नाकाम हो गए हैं।

रूस में पहले से ही कम हैं पुरुष

2018 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस की कुल जनसंख्या में 6.81 करोड़ पुरुष और 7.88 करोड़ महिलाएं हैं। ऐसे में पहले से ही पुरुषों की कमी से जूझ रहे रूस के लिए ये नया संकट बेहद भारी पड़ने वाला है। यहां तक की राजधानी मॉस्को में पुरुषों की कमी को देखकर मॉस्को के मेयर को ऐलान करना पड़ा कि अब राजधानी से पुरुषों को युद्ध में नहीं भेजा जाएगा। मॉस्को में हालात ऐसे हैं कि या तो कई बिजनेस महिलाएं संभाल रही हैं या फिर वो एकदम से ठप हो गए हैं। देश में मंदी के हालात हैं। होटल, रेस्टोरेंट, मॉल और दूसरी कारोबारी गतिविधियों में 30 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है। यहां तक की रूस के सबसे बड़े कर्ज देने वाले बैंक ने सितंबर में 529 ब्रांच बंद कर दीं हैं। शहर के मॉल और चौराहे सूने हो गए हैं।

रूस की तरह यूक्रेन में भी घटे पुरुष

रूस की तरह ही यूक्रेन में भी युद्ध लड़ने वाले पुरुषों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। यूक्रेन के शहरों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। सड़कों और बाजारों में पुरुष ना के बराबर दिखाई देते हैं। देश में रहने वाले ज्यादातर पुरुष या तो सीमा पर हैं या फिर अपने कारोबार में लगे हैं। यूक्रेन में वैसे भी सरकार ने महिलाओं और बच्चों को देश छोड़कर जाने की इजाजत तो दी है लेकिन पुरुषों के देश छोड़ने पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। रूस की तरह ही यूक्रेन में भी 18 से 60 वर्ष के पुरुषों की सेना में भर्ती की जा रही है। अपनी इच्छा से यूक्रेन और बाहरी देशों के पुरुष भी वॉलेंटियर सैनिक के तौर पर सेना में शामिल हो रहे हैं।

 

यूक्रेन में भी पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की आबादी

यूक्रेन की कुल आबादी में 2 करोड़ पुरुष जबकि 2.34 करोड़ महिलाएं हैं। यही कारण है कि घर, कारोबार के अलावा लड़ाई के मोर्चे पर भी यूक्रेन की महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं है। यूक्रेन की सेना में इस समय कुल 50 हज़ार महिलाएं हैं। इनमें 10 हज़ार से ज्यादा महिलाएं लड़ाई के दौरान अगला मोर्चा संभाल रही हैं जबकि बाकी सैन्य सप्लाई, मेडिकल सहायता और इंटेलिजेंस के लिए काम करती हैं।

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