AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक बहुत ही अजब-गजब मामला सामने आ रहा है. वहा पर फर्जी किसान बनकर सरकारी कर्मचारियों ने ही उत्तर प्रदेश सरकार से इनाम भी प्राप्त कर लिया. दरअसल, आपकों बता दें लखनऊ में हर साल की तरह ही इस साल भी एक मैंगो फेस्टिवल का आयोजन किया गया था. ओर इसमें कई सारे किसान खुद के द्वारा ही उगाए गए आम लेकर इस प्रतियोगिता में काफ़ी मात्रा में शामिल होने पहुंचे.

लेकीन वहा सरकारी कर्मचारी ने खेल दिया खेल ओर उड़ा ले गए इनाम मन मसोस कर रह गए असली किसान

वहा पर बस्ती जनपद के ही किसानों ने भी हर वर्ष की तरह इस महोत्सव में बढ़ चढ़ कर भाग लिया. इस दौरान कार्यक्रम में ही अचानक से किसी बड़े वाले साहब की एंट्री हुई. जिससे किसानों के आम को बस्ती उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने अपने ही नाम से ही प्रस्तुत कर खुद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसके बदले पुरस्कार झटक लिया. यह सब देख रहे बेचारे असली किसान अपना मन मसोस कर रह गए. इस पूरे मामले पर ही संयुक्त निदेशक जिला औद्यानिक केंद्र डॉक्टर अतुल सिंह ने अब जांच बैठा दी है.

इस मामले पर जिला औद्यानिक केंद्र ने दिया ये बयान

संयुक्त निदेशक जिला औद्यानिक केंद्र डॉक्टर अतुल सिंह ने इस पूरे मामले पर कहा कि कोई कर्मचारी किसान बनकर इस प्रतियोगिता में बिल्कुल भी भाग नहीं ले सकता. लेकीन पुरस्कार लेने वाले कर्मचारियों में एक कृषि वैज्ञानिक जिसका नाम शुभम है, जिसकी माली संजय और खुद संयुक्त निदेशक के ड्राइवर राम सुभावन भी शामिल हैं. इन लोगों ने अपने अधिकारी के इशारे पर ही सरकार द्वारा मिलने वाले पुरस्कार को अपने आप हड़प लिया. इस मामले का खुलासा होते ही अधिकारियों ने इसकी जांच बैठा दी है।

जान ले यहां पर सिर्फ आम उत्पादक किसानों को ही दिया जाना था पुरस्कार

यहां पर चल रहे उत्तर प्रदेश आम महोत्सव में आम की किस्मों के आधार पर ही यह पुरस्कार केवल आम उत्पादक किसानों को ही प्रदान किया जाता है. बस्ती जिले से भी आम उत्पादक किसानों के यहां आम प्रदर्शनी में लगाने गए थे. बस्ती जिले के किसानों द्वारा लगाए गए रंगीन आमों की किस्मों को भी पुरस्कार नहीं मिला. इन किसानों की जगह बस्ती उद्यान विभाग में कार्यरत शुभम सिंह नाम के ही एक कर्मचारी नें 2 पुरस्कार वहा पर झटक लिए, माली संजय नें 4 और संयुक्त निदेशक के ड्राइवर राम सुभावन नें भी 1 पुरस्कार प्राप्त किया. इस दौरान संयुक्त निदेशक अतुल कुमार सिंह महोत्सव स्टाल पर ही मौजूद भी रहे.

वहा पर आम की किस्मों के बारे में ही जवाब नहीं दे पाए अधिकारी

इन सभी अधिकारियों से जब बस्ती से पुरस्कार प्राप्त करने वाले लोगों का पता किया गए तो यह आम की किस्मों आदि के बारे मे भी पूछा गया तो पहले उनके द्वारा कोई भी जानकारी ही नहीं दी गई. बाद मे जवाब दिया भी तो वो भी काफ़ी गोलमोल तरीके से. इस पूरे मामले की जानकारी हो जाने के बावजूद विभाग को धोखे में ही रख कर पुरस्कार झटकने वाले विभागीय कर्मचारियों को बचाने का भी पूरा प्रयास किया जा रहा. इससे वहा मौजूद असली किसानों में भरी रोष है.

यहां पर लखनऊ में हुए किसान आम महोत्सव के बारे में जानकारी

उत्तर प्रदेश की ही राजधानी लखनऊ में स्थित अवध शिल्पग्राम में इस साल भी आम की सैकड़ों प्रजातियों के प्रदर्शन का गवाह बना. उत्तर प्रदेश का यह आम महोत्सव के तहत आम की अलग अलग रंग, रूप और स्वाद वाली करीब यहां 725 से भी अधिक प्रजातियों का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों के द्वारा किया गया.

प्रतियोगिता में इन किस्मों का रहा बोलबाला

इस आम महोत्सव लखनऊ में रंगीन आमों की किस्मों नें यहां लोगों को खूब लुभाया. रंगीन आमों की किस्मो में जो ख़ास रहे उसमें से विदेशी प्रजाति का टॉमी एटकिन्स, सेंसेसन, अरुनिका, अम्बिका, अरुणिमा, पूषा श्रेष्ठ, पूषा प्रतिभा, नारद, दर्जनों किस्में लोगों को भी लुभाती रहीं. बड़े साइज की किस्मों के साथ सेल्फी की लगी रही वहां पर होड़ आम महोत्सव में जहाँ रंगीन किस्मों ने अलग छाप छोड़ी वहीं, पर बहुत सी किस्मों किस्में ऐसी रहीं जिनका एक आम का वजन ही 2 से 4 किलोग्राम तक रहा. इसमें राजा वाला, नूरजहां, सरदार, हाथी झूल, बदामी, गदामार जैसी भी दर्जनों किस्में शामिल रहीं. इन आमों की किस्मों के साथ सेल्फी लेने वालों की यहां होड़ लगी रही.

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