ललन का गढ़ ही नहीं, हेलिकॉप्टर की जमीन भी देखने आ रहे अमित शाह !

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ललन का गढ़ ही नहीं, हेलिकॉप्टर की जमीन भी देखने आ रहे अमित शाह !

2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं और जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र में देश के गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह आ रहे हैं। इसका सामान्य अर्थ यह है कि जदयू अध्यक्ष का गढ़ निशाने पर है। लेकिन, शाह के कार्यक्रमों और उसमें बुलाए गए भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं के दायरे को देखें तो पता चलता है कि वह एक नहीं, कई लक्ष्य लेकर आ रहे। वह तीर वाले नेता के किले में चुनौती देंगे, हेलिकॉप्टर वाले नेता की जमीन देखेंगे और कमल के फायर ब्रांड नेता की ताकत भी आंकेंगे।
लखीसराय में जनसभा-बैठक क्यों?                              
अगर आप समझ रहे हैं कि यह जनसभा लखीसराय को केंद्रित कर हो रही है, तो सबसे पहली गलती यहीं है। लखीसराय का गांधी मैदान तीन लोकसभा क्षेत्रों मुंगेर, जमुई और बेगूसराय का सेंटर प्वाइंट कहा जाता है। यह तीनों से न केवल नजदीक है, बल्कि यहां पहुंचना तीनों लोकसभा क्षेत्र के नेताओं के लिए सहज है। अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कार्यक्रम स्थल से सबसे दुरूह बेगूसराय से सबसे ज्यादा गाड़ियों में भाजपा के सक्रिय लोगों को ले जाया जा रहा है। उस हिसाब से जमुई और मुंगेर से इस जगह की दूरी भी कम है और इन दोनों से गाड़ियां आसानी से पहले ही पहुंच चुकी हैं। 
इन विधानसभा क्षेत्रों को भी कर रहे कवर                        
लखीसराय जिले के लखीसराय व सूर्यगढ़ा, जमुई जिले के जमुई व सिकंदरा, मुंगेर जिले के मुंगेर व जमालपुर, बेगूसराय के मटिहानी व बेगूसराय, पटना जिले का मोकामा और शेखपुरा जिले का शेखपुरा विधानसभा सीट इस एक जगह से लक्षित है। इन सभी विधानसभा सीटों के भाजपा कार्यकर्ताओं को गुरुवार को लखीसराय में हो रही इस बैठक के लिए ऊर्जान्वित किया गया है। बारिश के कारण परेशानी के बावजूद अमित शाह की जनसभा और बैठक के लिए भारी संख्या में इन सभी विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता पहुंच चुके हैं।
  1. तीर के गढ़ पर निशाना क्यों
  • लोकसभा चुनाव पहले है, इस हिसाब से देखें तो मुंगेर लोकसभा सीट के तहत लखीसराय में यह कार्यक्रम कराया जा रहा है। मुंगेर से बेगूसराय या जमुई का कवर करना आसान नहीं होता, यह एक बड़ी वजह है। लेकिन, उससे बड़ी वजह यह है कि लखीसराय विधानसभा सीट भाजपा के पास है और लोकसभा के नजरिए से मुंगेर के मुकाबले लखीसराय में ही भाजपा को ज्यादा परेशानी है। मुंगेर शहरी क्षेत्र में भाजपा की ठीकठाक पैठ है, जबकि भूमिहार बहुल लखीसराय विधानसभा सीट पर भले भाजपा के विजय कुमार सिन्हा जीते हों, लेकिन ललन मजबूत माने जाते हैं। दोनों ही भूमिहार जाति से हैं। ललन को उनकी लोकसभा सीट के सबसे मजबूत इलाके में घेरने के लिए भाजपा ने यहां अमित शाह का कार्यक्रम बनाया। न केवल जनसभा, बल्कि बैठक भी।
  1. हेलिकॉप्टर की जमीन क्यों देख रहे
  • लखीसराय से जमुई लोकसभा सीट को भी कवर किया जा रहा है। जमुई के सांसद चिराग पासवान हैं। लोकसभा की यह सीट वह भाजपा के साथ रहते हुए जीते थे। अभी वह भाजपा के साथ नहीं हैं, लेकिन जदयू के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में जो गुल खिलाया है, उसका प्रतिफल उन्हें जल्द ही मिलने वाला है। इससे पहले, गृह मंत्री अमित शाह की बैठक में तो नहीं, लेकिन जनसभा में चिराग की जमीन भी दिखेगी। लोजपा के संस्थापक अध्यक्ष रामविलास पासवान के निधन के बाद जब चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ पार्टी बंटी तो चिराग के पास हेलिकॉप्टर आया। जनसभा में हेलिकॉप्टर वाले लोग भी पहुंच रहे हैं, जिसका मतलब साफ है कि यहां कमल-हेलिकॉप्टर साथ हैं। अब भाजपा की आंतरिक रिपोर्ट में यह भी होगा कि चिराग की ताकत कितनी है।
  1. फायर ब्रांड नेता ताकत आजमा रहे
  • गुरुवार को अमित शाह की लखीसराय में हो रही बैठक के दौरान तीन लोकसभा  सीटों के भाजपा नेताओं के बीच ताकत की जोर-आजमाइश भी हो रही है। जमुई सीट लोजपा (रामविलास) के पास और मुंगेर सीट जदयू के पास है, जबकि बेगूसराय सीट भाजपा के पास। भाजपा के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह यहां के सांसद हैं। बेगूसराय जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव वर्मा बताते हैं कि “500 गाड़ियां लखीसराय के लिए कूच कर चुकी हैं। सांसद गिरिराज सिंह ने लखीसराय में केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यक्रम को लेकर कार्यकर्ताओं से कई दौर की बातचीत भी की थी।”

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