AIN NEWS 1: लोकसभा में सोमवार को ग्रामीण रोज़गार से जुड़े एक बड़े बदलाव का रास्ता साफ हो गया। सरकार द्वारा पेश किया गया विकसित भारत – रोज़गार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025, जिसे संक्षेप में VB-G RAM-G बिल कहा जा रहा है, सदन से पास हो गया। सरकार का दावा है कि यह विधेयक मौजूदा MGNREGA की जगह लेकर ग्रामीण भारत में रोज़गार, कौशल और आजीविका के अवसरों को नए सिरे से मजबूत करेगा। वहीं विपक्ष ने इस बिल का तीखा विरोध किया, सदन में जोरदार नारेबाज़ी हुई और हंगामे के बीच विधेयक की कॉपी तक फाड़ दी गई।
क्या है VB-G RAM-G बिल?
सरकार के अनुसार VB-G RAM-G बिल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार की पारंपरिक अवधारणा से आगे बढ़ते हुए कौशल-आधारित, टिकाऊ और आजीविका-केंद्रित मॉडल विकसित करना है। इसमें अस्थायी मज़दूरी से आगे जाकर ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण, स्थानीय उद्यम और बाजार से जोड़ने पर ज़ोर दिया गया है।
सरकार का कहना है कि बीते वर्षों में MGNREGA ने ग्रामीण परिवारों को सुरक्षा दी, लेकिन बदलती अर्थव्यवस्था और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के लिए अब नई सोच और नई संरचना की ज़रूरत है। VB-G RAM-G उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
सरकार के तर्क: क्यों ज़रूरी है नया कानून?
सरकार ने लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि ग्रामीण भारत में सिर्फ़ रोज़ के काम नहीं, बल्कि स्थायी आय और आत्मनिर्भरता की ज़रूरत है। इस विधेयक के ज़रिए:
ग्रामीण युवाओं को स्थानीय ज़रूरतों के मुताबिक कौशल प्रशिक्षण मिलेगा
कृषि से जुड़े सहायक उद्योगों और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा
स्वयं सहायता समूहों और पंचायतों की भूमिका मजबूत की जाएगी
रोज़गार के साथ-साथ आजीविका के स्थायी साधन विकसित किए जाएंगे
सरकार का दावा है कि यह मिशन ‘विकसित भारत’ के विज़न से जुड़ा हुआ है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेगा।
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विपक्ष का विरोध: MGNREGA खत्म करने का आरोप
दूसरी ओर, विपक्ष ने VB-G RAM-G बिल को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि यह विधेयक MGNREGA जैसे अधिकार-आधारित कानून को कमजोर करता है। उनका कहना है कि MGNREGA ने ग्रामीण गरीबों को काम की कानूनी गारंटी दी थी, जबकि नया बिल उस गारंटी को स्पष्ट रूप से सुनिश्चित नहीं करता।
विपक्ष का तर्क है कि ग्रामीण इलाकों में आज भी लाखों परिवारों के लिए MGNREGA जीवनरेखा है। ऐसे में उसकी जगह नया प्रयोग लाना जोखिम भरा हो सकता है। इसी विरोध के दौरान सदन में माहौल इतना गरमा गया कि कुछ सांसदों ने बिल की कॉपी फाड़कर अपना विरोध दर्ज कराया।
सदन में हंगामा और कार्यवाही
बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बार-बार व्यवधान पड़ा। विपक्षी सांसद नारेबाज़ी करते रहे और सरकार से मांग करते रहे कि इस विधेयक को पहले संसदीय समिति के पास भेजा जाए। हालांकि सरकार अपने रुख पर कायम रही और अंततः हंगामे के बीच बिल को पारित कर दिया गया।
सदन की कार्यवाही के दौरान कई बार स्थगन जैसी स्थिति बनी, लेकिन बहुमत के आधार पर सरकार ने विधेयक पास करा लिया। यह दृश्य संसद के भीतर तीखी राजनीतिक खींचतान को दर्शाता है।
ग्रामीण भारत पर क्या असर पड़ेगा?
VB-G RAM-G बिल के पास होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि इसका जमीनी असर क्या होगा। समर्थकों का मानना है कि अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो ग्रामीण क्षेत्रों में:
बेरोज़गारी कम हो सकती है
स्थानीय स्तर पर उद्यम बढ़ सकते हैं
युवाओं का पलायन घट सकता है
वहीं आलोचकों का कहना है कि अगर रोज़गार की कानूनी गारंटी कमजोर पड़ी, तो सबसे ज़्यादा नुकसान गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों को होगा।
आगे की राह
अब यह विधेयक राज्यसभा और आगे की संवैधानिक प्रक्रिया से गुजरेगा। इसके साथ ही असली परीक्षा ज़मीन पर इसके क्रियान्वयन की होगी। ग्रामीण भारत की उम्मीदें और आशंकाएं, दोनों इस बिल से जुड़ी हैं।
एक तरफ सरकार इसे भविष्य का रोडमैप बता रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष इसे गरीबों के अधिकारों पर चोट करार दे रहा है। आने वाले समय में VB-G RAM-G बिल भारतीय राजनीति और ग्रामीण विकास की दिशा तय करने वाला बड़ा मुद्दा बन सकता है।
The VB-G RAM-G Bill 2025, officially known as the Developed India – Rural Employment and Livelihood Mission Bill, has been passed in the Lok Sabha as a proposed replacement for MGNREGA. The new rural employment bill aims to promote skill-based jobs, sustainable livelihoods, and rural entrepreneurship across India. However, the passage of the VB-G RAM-G Bill triggered strong protests in Parliament, with opposition parties accusing the government of weakening the employment guarantee framework. The bill has now become a major political and policy debate in India’s rural development landscape.



















