‘वंदे मातरम’ इस्लाम के खिलाफ नहीं: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मौलाना महमूद मदनी को कड़ा जवाब!

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AIN NEWS 1: देश में ‘वंदे मातरम’ को लेकर चल रही बहस एक बार फिर तेज़ हो गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के हालिया बयान को पूरी तरह से खारिज करते हुए उन पर तीखा पलटवार किया है। मंच का कहना है कि ‘वंदे मातरम’ भारत का राष्ट्रीय गीत है और इसे गाना या इसका सम्मान करना इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ कतई नहीं है।

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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दिया सख्त जवाब

मंच के राष्ट्रीय संयोजक और मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एसके मुद्दीन ने साफ कहा कि भारत में मुसलमानों को संविधान ने जितने अधिकार और सुरक्षा दी है, वह दुनिया के बहुत कम देशों में देखने को मिलती है। इसलिए किसी भी तरह का भय या असुरक्षा की भावना फैलाने वाले बयानों से समुदाय को दूर रहना चाहिए।

उनके अनुसार, भारत में रहने वाला हर मुसलमान समान अधिकारों का हकदार है और देश के विकास में सक्रिय रूप से योगदान भी दे रहा है। ऐसे में ‘वंदे मातरम’ जैसे राष्ट्रीय गीत को लेकर भ्रम फैलाना पूरी तरह अनुचित है।

“वंदे मातरम इस्लाम के ख़िलाफ़ नहीं” – मुद्दीन

एसके मुद्दीन ने कहा कि मातृभूमि को प्रणाम करना या अपनी धरती की प्रशंसा करना इस्लाम में कहीं भी मना नहीं किया गया है। इस्लाम अपनी जन्मभूमि से मोहब्बत करने की बात करता है और उसके सम्मान को शरीयत के खिलाफ नहीं माना जाता।

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उन्होंने आगे कहा कि जो नेता यह दावा करते हैं कि ‘वंदे मातरम’ गाना इस्लाम के नियमों के विरुद्ध है, वे मुसलमानों को पिछड़ेपन की ओर धकेल रहे हैं।

मुद्दीन के मुताबिक, मदनी जैसे कुछ धार्मिक नेताओं के बयानों ने मुसलमान समाज को आधुनिक शिक्षा, रोज़गार और राष्ट्र निर्माण की मुख्यधारा से दूर करने का काम किया है।

“मुस्लिम बेटे और बेटियां गर्व से देश की सेवा कर रहे हैं”

मुद्दीन ने यह भी याद दिलाया कि भारत के मुस्लिम युवा बड़ी संख्या में सेनाओं, सुरक्षा एजेंसियों, पुलिस, प्रशासनिक सेवाओं, और अन्य प्रमुख संस्थानों में सेवा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि:

 “किसी भी देश की तुलना में भारत के मुसलमान सबसे सुरक्षित हैं। यहां उनका भविष्य भी सुरक्षित है और अवसर भी उपलब्ध हैं।”

इसलिए देश के प्रति सम्मान जताने वाले गीत को विवादित बनाना न केवल गलत है, बल्कि मुसलमानों के हितों के प्रतिकूल भी है।

अलगाववादी सोच से सावधान रहने की अपील

मुद्दीन ने देश के शिक्षित और जागरूक मुसलमानों से अपील की कि वे ऐसे मौलवियों और नेताओं से सतर्क रहें जो युवाओं के मन में संदेह या अलगाव की भावना पैदा करते हैं।

उन्होंने कहा कि देश का आम मुसलमान अपने परिवार का पेट भरने और बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए मेहनत कर रहा है। ऐसे में अफवाह फैलाने वाले बयान उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं।

भोपाल में विरोध प्रदर्शन, मदनी का पुतला फूंका

मौलाना महमूद मदनी के बयान को लेकर मध्य प्रदेश में विरोध की तस्वीरें भी सामने आईं।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) और कई अन्य संगठनों ने भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर मदनी के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनका पुतला जलाया।

प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मदनी ने न केवल देश की छवि खराब की है बल्कि सुप्रीम कोर्ट जैसे सम्मानित संस्थान पर भी हमला किया है।

मदनी के आरोप क्या थे?

शनिवार को जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने दावा किया था कि:

देश के हालात बेहद संवेदनशील और चिंताजनक हैं

मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है

सुप्रीम कोर्ट सरकार के दबाव में काम कर रहा है

हालांकि इन आरोपों को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और अन्य संगठनों ने बेबुनियाद बताया और कहा कि ऐसे बयान केवल तनाव बढ़ाने का काम करते हैं।

देश में ‘वंदे मातरम’ को लेकर हमेशा समय-समय पर विवाद खड़ा होता रहा है, लेकिन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि इस गीत का सम्मान करना भारतीयों की एकता और देशभक्ति की भावना को मजबूत करता है।

एसके मुद्दीन के मुताबिक, इस मुद्दे पर अनावश्यक बहस करने की बजाय मुसलमानों को शिक्षा, रोज़गार और राष्ट्रीय विकास के अवसरों पर ध्यान देना चाहिए।

The debate around Vande Mataram resurfaced after Muslim Rashtriya Manch strongly rejected the recent comments made by Jamiat Ulema-e-Hind chief Mahmood Madani. The organization clarified that Vande Mataram is not against Islam, emphasizing that Indian Muslims enjoy full constitutional rights, religious freedom, and equal participation in national institutions like the armed forces, security agencies, and civil services. This response highlights the need for national unity, harmony, and a balanced perspective on issues related to patriotism and community representation.

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