Thursday, February 6, 2025

(वो कहते हैं ना जहां चाह वहां राह) एक LIC एजेंट ने ये साबित कर दिया उन्होने अपनी सैलरी से पाई-पाई बचाई, रिटायरमेंट के बाद शुरू किया बिजनेस, 92 साल की उम्र में 20,000 करोड़ की कंपनी के बने मालिक!

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AIN NEWS 1 नई दिल्ली : उन्होने जीवनभर की नौकरी और पाई-पाई जुटाई और रिटायरमेंट के बाद ही अपनी पूरी पूंजी लगाकर एक बिजनेस शुरू किया. कुछ दिनों बाद उन्हे घाटा लगा और कंगाली के कगार पर आ गए फिर भी उन्होने हिम्‍मत नहीं हारी और 20 हजार करोड़ की अपनी कंपनी खड़ी कर दी. सपनों जैसी लग रही सफलता की यह कहानी एक ऐसे बुजुर्ग की है, जिन्‍होंने आराम करने की उम्र में भी एक कंपनी की नींव रखी. और आज इस कंपनी का ब्रांड देशभर में ही काफ़ी मशहूर हो गया है और कंपनी का नेटवर्थ अब लगभग 20 हजार करोड़ से भी ज्‍यादा पहुंच चुका है.सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जिस उम्र में लोग रिटायर हो जाते हैं उन्होने उस आयु में लक्ष्मण दास मित्तल ने अपना बिजनेस शुरू किया. वे अपनें सोनालिका समूह के चेयरमैन हैं, जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता है. 92 साल की उम्र में लक्ष्मण दास मित्तल भारत के दूसरे सबसे बड़े उम्रदराज अरबपति हैं.

उनकी LIC एजेंट से बिजनेस टायकून बनने की कहानी

काफ़ी ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि लछमन दास मित्तल कभी एलआईसी एजेंट हुआ करते थे अब जिन्होंने अपना बिजनेस खड़ा करने के लिए कड़ी मेहनत की है. इसके लिए लक्ष्मण दास मित्तल ने अपनी 60 साल की उम्र में यह कारोबार करना शुरू किया और 1996 में ट्रैक्टर निर्माण में उन्होने प्रवेश करके सोनालिका ट्रैक्टर्स की स्थापना की. आमतौर पर 60 साल की उम्र में तो लोग रिटायर होकर खुशहाल और शांतिमय जीवन बीताना पसंद करते हैं लेकिन लक्ष्मण दास मित्तल ने इस उम्र में भी काम और कड़ा संघर्ष करना नहीं छोड़ा.

उन्होने अपनी सैलरी से पैसा बचाकर शुरू किया बिजनेस

सन 1955 में लक्ष्मण दास मित्तल ने एलआईसी एजेंट के रूप में ही काम करना शुरू किया. तभी से उन्होंने अपने वेतन से कुछ पैसे भी बचाना शुरू किया. लक्ष्मण दास मित्तल ने अपनी सारी बचत का उपयोग कृषि मशीनों से जुड़े साइड बिजनेस को स्थापित करने के लिए किया, लेकिन लक्ष्मण दास मित्तल उससे दिवालिया हो गए. हालांकि, उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और कुछ साल बाद अपने संघर्ष की बदौलत उन्होंने सफलता का मीठा स्वाद चखा. लक्ष्मण दास मित्तल कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान से भी नवाजे जा चुके हैं. इनमें प्रतिष्ठित उद्योग रत्न पुरस्कार तक भी शामिल है.

अपनी 92 वर्ष की उम्र में भी एक्टिव

लक्ष्मणदास मित्तल की ट्रैक्टर कंपनी का उत्तर भारतीय राज्यों में काफ़ी मजबूत कारोबार है. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में तो सोनालिका के ट्रैक्टर किसानों की पहली पसंद रहे हैं. 92 साल की उम्र में भी लक्ष्मणदास मित्तल इस कंपनी का कामकाज देखते हैं. इसके अलावा लक्ष्मणदास मित्तल अपना पारिवारिक बिजनेस सोनालिका इंप्लीमेंट्स को भी संभालते हैं.सोनालिका इंप्लीमेंट्स बुआई की मशीन और गेहूं के थ्रेसर ही बनाती है. सोनालिका ट्रैक्टर्स का पंजाब के होशियारपुर में ही एक विशाल विनिर्माण संयंत्र है. सोनालिका ग्रुप के कुल 5 प्लांट पांच अलग-अलग देशों में स्थित है. कंपनी 120 से अधिक देशों में अपने ट्रैक्टर निर्यात करती है.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

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