शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया को झटका दे HC ने क्या-क्या कहा !
आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में उच्च न्यायालय ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। सोमवार को अदालत ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ लगे आरोपों की प्रकृति काफी गंभीर होने के साथ ही इसमें सार्वजनिक धन की भारी क्षति शामिल है।
मामले में साजिश की जड़ें काफी गहरी हैं।
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि पेश तथ्यों के मद्देनजर इस मामले में अलग नजरिए से देखने की जरूरत है, क्योंकि याचिकाकर्ता पर सार्वजनिक धन की भारी क्षति के साथ गहरी साजिश का भी आरोप लगाया गया है। सिसोदिया दिल्ली सरकार में प्रभावशाली पद पर रहे हैं, ऐसे में जमानत दिए जाने पर गवाहों और साक्ष्यों को प्रभावित करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
जस्टिस शर्मा ने कहा कि इन परिस्थितियों में सिसोदिया फिलहाल जमानत पाने के हकदार नहीं हैं। न्यायालय ने कहा है कि विशेष अदालत द्वारा आप नेता की जमानत याचिका खारिज किए जाने के फैसले में कोई कानूनी नहीं है। यह टिप्पणी करते हुए उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत द्वारा सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज किए जाने को सही ठहराया।
विशेष अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सिसोदिया ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर जमानत की मांग की थी। उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले भी 30 मई को सिसोदिया की याचिका खारिज करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था। सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
इनको भी राहत नहीं
अदालत ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया के अलावा मामले में सह आरोपी व कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली, बिनॉय बाबू और विजय नायर को भी जमानत देने से इनकार कर दिया।