नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के आबकारी विभाग ने दिल्ली के मेट्रो स्टेशन परिसरों में शराब की दुकानें खोलने का काम भी शुरू कर दिया है। इसके बाद अब अधिक से अधिक संख्या में लोगों तक इसकी बिक्री की जा सकेगी। आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बदरपुर, द्वारका, करोल बाग, राजौरी गार्डन और मुंडका सहित बड़े परिसरों वाले मेट्रो स्टेशन पर आधा दर्जन से अधिक शराब की दुकानें खोली गई हैं। उन्होंने बताया कि अन्य मेट्रो स्टेशन पर सरकारी उपक्रमों द्वारा शराब की दुकानें खोलने की अनुमति के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) से संपर्क किया जा रहा है।कुछ मेट्रो स्टेशनों में खुल गई है तो कुछ में खुलना बाकी
आबकारी विभाग के अधिकारी ने बताया, ‘मेट्रो स्टेशन में बड़ी संख्या में लोग आते हैं और यह शराब उत्पादों तक पहुंचाना सुनिश्चित करने और इससे अधिक राजस्व अर्जित करने का एक बड़ा कारक है। कुछ बड़े मेट्रो स्टेशन परिसर में पहले से ही दुकानें खुल चुकी हैं और अन्य में जल्द ही खुल जाएंगी।’ अधिकारियों ने बताया कि डीएमआरसी ने दिल्ली कंज्यूमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर लिमिटेड (डीसीसीडब्ल्यूएस) को आधा दर्जन से अधिक मेट्रो स्टेशन पर शराब की दुकानें खोलने के लिए व्यावसायिक शर्तों पर निर्मित दुकानों के लिए लाइसेंस जारी किए हैं।दिल्ली सरकार के चार उपक्रम – दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी), दिल्ली राज्य औद्योगिक बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीसीआईआईडीसी), दिल्ली दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (डीएससीएससी) और डीसीसीडब्ल्यूएस को सितंबर तक शहर भर में 500 शराब की दुकानें खोलने के आदेश दिये गए है। अधिकारियों ने बताया है कि चारों एजेंसियां मिलकर साल के अंत तक 200 और शराब की दुकानें खोलेंगी।डीएमआरसी की अनुमति के साथ खुलेंगी दुकानें
अधिकारियों ने बताया, ‘वाणिज्यिक केंद्रों, शॉपिंग सेंटर और मॉल के अलावा, मेट्रो स्टेशन अधिक लोगों की भीड़ के कारण बेहतर बिक्री के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करते हैं। जल्द ही, डीएमआरसी की अनुमति के साथ अन्य मेट्रो परिसर में दुकानें खोली जाएंगी।’ आबकारी विभाग पहले ही चारों निगमों को करीब 450 लाइसेंस जारी कर चुका है। इन चारों एजेंसियों द्वारा संचालित 350 से अधिक शराब की दुकानें वर्तमान में ही शहर में चल रही हैं। जुलाई में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा आबकारी नीति में कथित घोटाले की जांच की सिफारिश के बाद सरकार ने नीति को वापस ले लिया था। दिल्ली सरकार अब 17 नवंबर, 2021 से पहले चालू आबकारी व्यवस्था में वापस लौट गई है।