Ainnews1.com: बताते चले अगर आपका पेट्रोल या सीएनएजी वाहन 15 साल पुराना हो चूका है और आप उसे कबाड़ में देना नही चाहते बल्के अपने पास रखना चाहते हैं, तो ऐसा आप कर सकते हैं। अपने वाहन को धरोहर के तौर पर रखने के लिए आपको कुछ शर्तों को जरूर पूरा करना होगा। शपथपत्र के साथ ही कुछ कानूनी प्रक्रिया का पालन भी करना होगा।
साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वृंदा कुमारी की अदालत ने डेढ़ दशक पुरानी एक मोटरसाइकिल के मामले का निपटारा करते हुए अपना यह आदेश पारित किया है। अदालत ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति अगर अपने पुराने वाहन को यादगार या धरोहर के तौर पर रखने की इच्छा रखता है तो वह निर्धारित नियमों का पालन कर ऐसा बिलकुल कर सकता है। बशर्ते वह हर उस शर्त पर खरा उतरता हो जो नियम अनुसार बनाए गए हैं, जो कानून द्वारा तय है।अदालत ने इसी के तहत एक व्यक्ति की उस याचिका को मंजूर भी कर लिया, जिसमें उसने अपनी 15 साल पुरानी मोटरसाइकिल को अपने घर में रखने के लिए उसे पुलिस की कस्टडी से वापस दिलाने के लिए ही लगाई थी।
मोटरसाइकिल जब्त होने पर अर्जी दी थी
दरअसल, जिस मामले में अदालत ने यह फैसला दिया है वह एक मोटरसाइकिल को पुलिस द्वारा जब्त किए जाने का है। पुलिस ने एक 15 साल पुरानी मोटरसाइकिल को सड़क पर चलाने एवं कानून का उल्लंघन करने पर उसे जब्त कर लिया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 17 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के 26 नवंबर 2014 के दिशा-निर्देशों के अनुसार पुलिस को आदेश दिया था कि इस मोटरसाइकिल को कबाड़ में देने के बाद जो रकम मिले वह वाहन मालिक को ही दे दी जाए। लेकिन वाहन मालिक धरोहर के तौर पर घर में अपने वाहन को रखना चाहता है।
हजारों विंटेज कारों के लिए कोई नियम नहीं
दिल्ली परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में 50 से सौ साल पुरानी करीब दो से ढाई हजार के करीब विंटेज कार अभी मौजूद हैं। हालांकि, इनको रखने के लिए कोई नियम अभी तक नहीं बनाया गया है। लेकिन यह सुनिश्चित है कि इन्हें सड़क पर अब नहीं उतारा जा सकता। विशेष मौकों पर विंटेज कारों की रेस के लिए प्राधिकृत अधिकारी से अनुमति के बाद ही इन्हें बाहर निकाला जाता है। इसके अलावा इन्हें सड़क पर उतारने पर पूरी तरह से रोक है। अधिकारी का कहना था कि जल्द ही इस पर नीति बनाने की तैयारी भी चल रही है। केन्द्र की तरफ से कुछ नियम लागू हैं।अदालत ने आदेश के साथ ही हिदायत दी है कि भविष्य में अगर यह वाहन सड़क पर चलाते अथवा सार्वजनिक स्थल पर पार्किंग में पाया जाता है तो वाहन मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 177 के तहत कार्रवाई भी हो सकती है। इसमें वाहन मालिक पर झूठा शपथपत्र दायर करने का मामला बनेगा। इस दोष के साबित होने पर अधिकतम तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।
ये होंगी शर्तें
1. घर के भीतर अथवा निजी परिसर में ऐसा स्थान तय होगा, जहां पुराना वाहन रखा जा सके।
2. 15 साल से पुराने वाहन को किसी भी परिस्थिति में निजी परिसर से बाहर नहीं निकाला जाएगा।पुराने वाहन को घर में रखने के लिए अदालत से मंजूरी लेनी होगी।
3-निजी परिसर में पुराना वाहन खड़ा करने की जगह होने और अन्य शर्तों को पूरा करने संबंधी शपथपत्र अदालत में देना होगा।
4. अदालत स्थानीय पुलिस अधिकारी से वाहन मालिक की निजी जानकारी एवं वाहन को खड़ा करने को लेकर उचित स्थान के संबंध में रिपोर्ट तलब करेगी।
5. पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट के बाद ही अदालत पुराने वाहन को निजी परिसर में रखने की मंजूरी देगी।