AIN NEWS 1: देश में वैक्सीन को लेकर अब एक बड़ा क्रांतिकारी कदम उठाया जा सकता है। दरअसल, कोरोना की वैक्सीन को लेकर लोगों में जितनी जोगरुकता पहली डोज को लेकर थी वो दूसरी और तीसरी आते आते काफी कम हो गई। हाल ही में जिस तरह से 75 दिनों तक कोरोना की बूस्टर डोज को फ्री में लगाने के लिए स्पेशल ड्राइव को भी लोगों की ठंडी प्रतिक्रिया मिली इससे ये कदम उठाना जरुरी भी हो गया है। ऐसे में अब सरकार का इरादा है कि किसी तरह से वैक्सीन की एक ही डोज से काम चल जाए और बार बार एक ही वायरस के लिए अलग अलग डोज ना ली जाएं।
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वैज्ञानिक, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक का साझा मिशन
बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के वैज्ञानिक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस पहल के ज़रिए नेक्स्ट जेनरेशन कोविड-19 वैक्सीन को सिंगल डोज बनाने की कोशिश की जाएगी। ऐसा होने के बाद नए वैरिएंट्स से बचने के लिए बूस्टर डोज की जरुरत नहीं पड़ेगी और सिंगल डोज ही वायरस से बचाने में मददगार होगी। इस योजना के लिए फार्मा कंपनियां जिन अलग अलग तरीकों से काम कर रही हैं उनमें शामिल हैं। किसी एक स्ट्रेन के लिए वैक्सीन तैयार करना। एक या दो वायरस को मिक्स करके बाइवेलेंट वैक्सीन बनाना।
भविष्य के वायरस से भी बचाएगी सिंगल डोज वैक्सीन
इस पहलू पर काफी रिसर्च और डेवलेपमेंट किया जा रहा है। सरकार का मकसद है कि एक ही डोज से लंबी इम्युनिटी विकसित की जा सके जो भविष्य के वायरस से भी बचा सके। जानकारों का भी मानना है कि इसकी कामयाबी से अलग अलग वायरस के कहर से बचना मुमकिन हो सकता है। इस मकसद को हासिल करने के लिए सरकार नैजल वैक्सीन पर ज्यादा फोकस कर रही है। यानी आने वाले दिनों में मुमकिन है कि सिंगल डोज लेकर लोग तमाम तरह के वायरस को बेअसर कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो फिर कोरोना जैसी महामारियों का प्रकोप सीमित किया जा सकेगा।