AIN NEWS 1 | हाल ही में फेमस हॉस्पिटल सहारनपुर से गिरफ्तार किए गए आतंकवादी डॉ. आदिल की गिरफ्तारी ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंदू जागरण मंच पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने कहा कि यह गिरफ्तारी एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि सहारनपुर आतंकवादियों और राष्ट्रविरोधी ताकतों की पनाहगाह और स्लीपर सेल का केंद्र बनता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सहारनपुर का इतिहास इस बात का गवाह है कि यह जिला कई बार आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है, और अब फिर से ऐसे नेटवर्क के सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं। ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने कहा —
“आदिल की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि सहारनपुर में राष्ट्रविरोधी तत्व किस तरह जड़ें जमा रहे हैं। अगर समय रहते इन गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह पूरा क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील हो जाएगा।”
पुराने घटनाक्रमों का हवाला
अध्यक्ष ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने बताया कि सहारनपुर में आतंकवाद की जड़ें नई नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि —
“साल 1994 में खाताखेड़ी गांव में दो ब्रिटिश और एक अमेरिकी नागरिक को आतंकियों ने बंधक बना लिया था। उन विदेशी नागरिकों की रिहाई के दौरान इंस्पेक्टर ध्रुव यादव शहीद हो गए थे।”
इसके बाद भी सहारनपुर में आतंकी गतिविधियां जारी रहीं।
साल 1998 में एक बड़े अभियान के दौरान दो आतंकवादी गिरफ्तार किए गए थे।
वहीं, 2019 में देववृंद क्षेत्र में दारुल उलूम के पास से कश्मीर पुलिस ने दो संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ा, जो छात्र बनकर रह रहे थे।
ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने बताया कि एक अन्य मामला ऐसा भी सामने आया था जिसमें एक आतंकवादी “सहगल” नाम से पहचान छिपाकर सदर बाजार क्षेत्र में रह रहा था। अब फेमस हॉस्पिटल से डॉ. आदिल की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि सहारनपुर में आतंकवादी नेटवर्क फिर सक्रिय हो रहे हैं।
बढ़ता खतरा और हिंदू जागरण मंच की चेतावनी
हिंदू जागरण मंच ने चेतावनी दी है कि सहारनपुर में स्लीपर सेल का नेटवर्क लगातार मजबूत होता जा रहा है। यह न केवल जिले के लिए बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं।
उन्होंने प्रशासन से अपील की —
“सहारनपुर में सक्रिय राष्ट्रविरोधी संगठनों पर नजर रखी जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह केवल एक शहर की नहीं, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है।”
संदिग्ध संगठनों पर भी उठे सवाल
हिंदू जागरण मंच के अनुसार, सहारनपुर में कुछ गैर सरकारी संगठन (NGOs) और तथाकथित सामाजिक मंचों की गतिविधियां भी संदिग्ध रही हैं।
संगठन ने पूर्व में भी शासन और प्रशासन का ध्यान इन संस्थाओं की ओर आकर्षित किया था, जिनमें शामिल हैं —
इस्लामिक फाउंडेशन
रिहाई मंच
सिटिजन फॉर जस्टिस
साउथ एशिया सॉलिडैरिटी सोसाइटी
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL)
मंच का कहना है कि इन संगठनों की गतिविधियों पर बारीकी से जांच की जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं से भी आतंकी या राष्ट्रविरोधी तत्वों को समर्थन तो नहीं मिल रहा है।
“प्रशासन संवेदनशील बने और सख्त कदम उठाए”
ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने कहा कि प्रशासन को अब और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि –
“अब समय आ गया है कि प्रशासन इन मामलों को सामान्य अपराध के तौर पर न लेकर, इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के रूप में देखे। सहारनपुर की सीमाओं पर चौकसी बढ़ाई जाए, और संदिग्ध इलाकों में विशेष जांच अभियान चलाए जाएं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर सरकार और पुलिस इन संकेतों को गंभीरता से नहीं लेती, तो भविष्य में बड़ी घटनाएं सामने आ सकती हैं।
सहारनपुर की सामरिक स्थिति और खतरे का दायरा
सहारनपुर का भौगोलिक स्थान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाता है, क्योंकि यह उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली से सटा हुआ है। इस कारण से यह कई दिशाओं से पहुंच योग्य है, और यही वजह है कि स्लीपर सेल्स के लिए यह एक आदर्श ठिकाना बन सकता है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवादी संगठनों का मकसद ऐसे इलाकों में नेटवर्क स्थापित करना होता है, जहां वे जनसंख्या के बीच छिपकर काम कर सकें।
हिंदू जागरण मंच की मांग
हिंदू जागरण मंच ने राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों से मांग की है कि —
सहारनपुर में सक्रिय संदिग्ध संगठनों की जांच NIA या ATS जैसी एजेंसियों से कराई जाए।
सभी धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों की पृष्ठभूमि की समीक्षा की जाए।
युवाओं को राष्ट्रवाद और सामाजिक एकता के प्रति जागरूक किया जाए।
नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे अपने आसपास की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
सहारनपुर से आतंकी डॉ. आदिल की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि आतंकी नेटवर्क फिर से सक्रिय हो रहे हैं। हिंदू जागरण मंच की चेतावनी यह बताती है कि इस क्षेत्र को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अब और गंभीरता से लेने की जरूरत है।
यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई करता है, तो सहारनपुर को फिर से शांति और सद्भाव का प्रतीक बनाया जा सकता है।



















