Ainnews1.Com : बांग्लादेश में कट्टरपंथी भीड़ द्वारा एक हिंदू स्कूल प्रिंसिपल को किस प्रकार सैंकड़ों लोगों के बीच जूतों की माला पहनाकर अपमानित किया गया।देखिये घटना 17 जून को मिर्जापुर यूनाइटिड कॉलेज की है। प्रिंसिपल की गलती केवल इतनी थी कि उन्होंने उस हिंदू छात्र को इस्लामी भीड़ से बचाया का साहस किया जिसे नुपूर शर्मा की तस्वीर शेयर करने पर ही प्रताड़ित किया जा रहा था।घटना के बाद भीड़ ने अपना गुस्सा प्रिंसिपल पर उतारा पूरे मामले में हैरान करने वाली बात ये थी कि ये सब कुछ पुलिस भी देख रही थी उसी के सामने ये सब हुआ लेकिन किसी ने चूँ तक नहीं की। नरेल सदर उपजिला के कॉलेज में घटित इस घटना के बाद कई अल्पसंख्यक सड़कों पर अब विरोध कर रहे है कि प्रिंसिपल के साथ ऐसी बदसलूकी सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि वो हिंदू समुदाय की महिला हैं। हकीकत में प्रिंसिपल का घटना से कोई भी लेना देना नहीं था। फिर भी पुलिस ने उनकी रक्षा कियू नहीं कीं। प्रदर्शनकारियों ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि ये पूरी घटना सैंकड़ों लोगों के सामने हुई , जो बताती है कि बांग्लादेश का प्रशासन कट्टरपंथियों के आगे कितना मजबूर और बेबस हो चुका है ।बता दें कि ये पूरा मामला एक फेसबुक पोस्ट क़ो लेकर शुरू हुआ जब कॉलेज छात्र ने नुपूर शर्मा के समर्थन में फोटो को अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया ।
इस पोस्ट को देख कट्टरपंथियों ने हिंदू छात्र को परेशान करते हुए कहा कि वह पोस्ट डिलीट करें। इसी बीच प्रिंसिपल स्वप्न कुमार बिस्वास आए और उन्होंने हिंदू छात्र का बचाव किया । बस फिर क्या था स्थानीय कट्टरपंथियों को इस बात का पता चला तो उन्होंने प्रिंसिपल की और दो शिक्षकों की बाइक में भी आग लगा दी और पुलिस से भी उनकी काफ़ी झड़प हो गई। बाद में प्रिंसिपल के गले में जूते की माला पहनी वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया । कट्टरपंथियों ने कहा कि टीचर ने हमारे इस्लाम का अपमान किया है।कट्टरपंथियों ने आरोप लगाया कि कुछ मुस्लिम छात्र टीचर के पास हिंदू छात्र की शिकायत लेकर गए थे, लेकिन टीचर ने पुलिस क़ो बुला लिया । इसी बात पर नाराज भीड़ ने उनको सबक सिखाने के लिए सबके सामने बेहद जलील किया। हाल इस तरह कर दिया गया कि प्रिंसिपल ने घटना के बाद सबसे दूरी बना ली है। वह डर से घर पर भी नहीं रहते। वहीं हिंदू छात्र के खिलाफ डिजिटल सिक्योरिटी एक्ट के तहत कार्यवाही भी होगी।