Ainnews1.com : मारुति सुजुकी के बाद हुंडई ही देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है. हुंडई की सिस्टर कंपनी किआ मोटर्स ने कुछ साल पहले ही भारतीय बाजार में जबरदस्त एंट्री की है और बड़ी संख्या में ग्राहकों का दिल भी जीत लिया. लेकिन अगर आपके पास भी हुंडई या किआ मोटर्स की गाड़ी है तो आपको सावधान होने की बेहद जरूरत है. इन दोनों कंपनियों की कारों पर चोरी होने का खतरा कुछ ज्यादा ही मंडरा रहा है. यह दावा एक रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट की मानें तो कुछ हुंडई और किआ कारों में एक महत्वपूर्ण एंटी-थेफ्ट फीचर नहीं दिया गया. एक इंश्योरेंस इंडस्ट्री ग्रुप का कहना है कि इन दोनो कम्पनियों की कारों की चोरी बाकी कंपनियों से लगभग दोगुनी है क्योंकि उनकी चाबियों में “इमोबिलाइज़र” सिस्टम के लिए आवश्यक कंप्यूटर चिप्स की कमी होती है. हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि यह रिपोर्ट विदेशी बाजारों के आंकड़ों पर आधारित है. आपको बता दें कि गाड़ियो में एक immobilizer सिस्टम होता है, जो कार चोरी होने से रोकता है. इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाईवे सेफ्टी (IIIHS) के शोध के अनुसार, 2015 और 2019 के बीच निर्मित कई Hyundai और Kia वाहनों में इलेक्ट्रॉनिक इमोबिलाइज़र की कमी रह गई है. यह फीचर इन दिनों की गाड़ियों में आम हो चला है, जबकि कई कंपनियां काफी सालों से इस सुविधा को दे रही हैं. इस खामी का फायदा चोर उठा रहे हैं.
जान ले क्या होता है कार में इमोबिलाइज़र
दरअसल, यह एक ऐसा फीचर होता है, जो किसी भी कार को चोरी होने से रोकता है. जब भी आप गाड़ी स्टार्ट करने के लिए इसकी ओरिजनल चाभी लगाते हैं तो गाड़ी के इमोबिलाइज़र को मैसेज जाता है और कार तुरंत स्टार्ट हो जाती है. जबकि नकली चाभी लगाने पर गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी. चोर हुंडई और किआ वाहनों को स्टार्ट करने और ड्राइव करने के लिए एक स्क्रूड्राइवर या यूएसबी केबल का उपयोग कर रहे हैं.